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एनएसडीएल के सत्यापन पर टिकी कार्रवाई

गड़बड़झाला - बेसिक शिक्षा विभाग में पैन नंबर बदले जाने का मामला -संदिग्ध पांच शिक्षकों ने नहीं प्रस्तुत किया अभिलेख

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2020 05:26 PM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 10:37 PM (IST)
एनएसडीएल के सत्यापन पर टिकी कार्रवाई
एनएसडीएल के सत्यापन पर टिकी कार्रवाई

बस्ती, जेएनएन। बेसिक शिक्षा विभाग के संदिग्ध शिक्षकों पर कार्रवाई में अभी देरी है। विभाग सत्यापन प्रक्रिया पूरी नहीं करा सका है। अब एनएसडीएल से संदिग्ध शिक्षकों के बदले हुए पैन नंबर के सत्यापन के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

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बेसिक शिक्षा विभाग के लेखा अनुभाग से कुल सौ से अधिक शिक्षकों के पैन नंबर वित्तीय सत्र 2019-20 में बदल गए हैं। इसमें से 15 ऐसे शिक्षक हैं जिनका पैन नंबर बदला हुआ है। मामला पकड़ में आने के बाद सभी 15 शिक्षक विभाग के रडार पर आ गए। इन शिक्षकों का वेतन बाधित कर नियुक्ति की जांच शुरू करा दी गई है।

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उपस्थित नहीं हुए पांच शिक्षक

संदिग्ध शिक्षकों के प्रपत्रों की जांच के लिए अपर जिलाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक, बीएसए, वित्त एवं लेखाधिकारी की चार सदस्यीय टीम गठित की गई थी। 17 अगस्त को संदिग्ध 15 शिक्षकों को अभिलेखों के साथ प्रस्तुत होना था। लेकिन पांच शिक्षक जांच टीम के समक्ष नहीं पहुंचे।

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विभागीय शातिर नहीं हुए चिह्नित विभाग में नाम बदलकर दूसरे के प्रपत्र पर फर्जी नियुक्ति का चलन पुराना है। आनलाइन व्यवस्था बनने से एक पैन नंबर पर दो जगह तनख्वाह निर्गत होने का मामला पकड़ में आने लगा है। शातिरों ने पैन नंबर बदलने का नया दांव चला। अहम सवाल यह कि लेखा कार्यालय के बगैर जानकारी में बड़े पैमाने पर पैन नंबर बदलने का खेल कैसे हो गया? इसके बाद तीन से चार माह तक तनख्वाह भी निर्गत हुई हैं। फिर भी संदिग्ध भूमिका वाले जिम्मेदार चिह्नित नहीं किए जा रहे हैं।

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क्या है एनएसडीएल एनएसडीएल (नेशनल सिक्योरिटीज डिपोजिट्री लिमिटेड) आयकर विभाग से संबंद्ध एक ऐसी संस्था है जो आनलाइन पैनकार्ड बनाती है। एनएसडीएल की वेबसाइट पर आवेदन के करने के एक माह के भीतर डाकसेवा के जरिये पैनकार्ड उपलब्ध होने का प्राविधान है। वेतन रोकना मेरे कार्यक्षेत्र में नहीं आता है। यह बीएसए का कार्य है। पैन नंबर बदलने का मामला प्रदेश के कई जनपदों में हुआ है। उससे कोई दिक्कत नहीं है।

अतुल चौधरी, लेखाधिकारी

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संदिग्ध शिक्षकों का पुलिस एवं एनएसडीएल से सत्यापन कराया जा रहा है। फर्जी होने की पुष्टि होते ही सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जाएगी।

अरुण कुमार, बीएसए


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