फोरलेन पर हर दिन हादसे,180 की गई जान
केपी सिंह टीम लीडर एनएचएआइ ने बताया कि फोरलेन पर बारिश के बीच ओवरलोड वाहनों की आवाजाही से गड्ढे बन जाते हैं लेकिन इनको समय-समय पर ठीक भी कराया जाता है। कांटे के पास एंबुलेंस सड़क किनारे खड़े कंटेनर में पीछे से भिड़ी है। सेफ्टी टीम मौके पर भेजी गई थी। हादसे की वजह के बारे में जानकारी की जा रही है।
बस्ती: बस्ती-लखनऊ फोरलेन खतरों का सफर बन गया है। पिछले 240 दिन में 240 बड़े हादसे हुए। यानी हर दिन एक बड़ा हादसा। इसमें 180 की जान चली गई,जबकि 140 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। इन दुर्घटनाओं ने किसी का बेटा छीना तो किसी का सुहाग उजाड़ा। हादसों की वजह सड़क पर बने गड्ढे और बेतरतीब खड़े होने वाले वाहन बताए जा रहे हैं। खामियों को दूर करने की जिम्मेदारी ठीकेदार की है लेकिन वह टोल टैक्स की वसूली तक ही सीमित है।
फोरलेन पर गड्ढों की भरमार है। पिछले तीन दिन लगातार हुई बारिश के चलते फोरलेन की स्थिति और खराब हो गई है। शनिवार को मौसम साफ होने के बाद भी गड्ढे नहीं भरे गए। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने फोरलेन की निगरानी के लिए कर्मचारियों की पूरी फौज लगा रखी है लेकिन टोल वसूली करने वाले ठीकेदार पर कमी का ठीकरा फोड़कर वो किनारा कस लेते हैं।
गड्ढों ने ली फिर दो की जान
फोरलेन पर कांटे के पास शनिवार को सुबह गड्ढों को बचाने के चक्कर में अनियंत्रित एंबुलेंस सड़क किनारे खड़े कंटेनर में जा भिड़ी। इसमें दो की जान चली गई जबकि दो अन्य घायल हो गए। हादसा इतना जबरदस्त हुआ कि एंबुलेंस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। छह साल पहले की बात है। ऐसे ही आए दिन हादसे हो रहे थे। इससे नाराज तत्कालीन जिलाधिकारी एके दमेले ने कड़ा रूख अख्तियार किया था। दुर्घटनाओं में ठीकेदार को भी नामजद किए जाने के आदेश जारी कर दिए थे। इसका असर यह रहा ठीकेदार से लेकर एनएचएआइ तक के अधिकारी सजग हो गए थे। दमेले का तबादला होने के बाद वसूली में लगे ठीकेदार ने सड़क सुरक्षा की ओर से मुंह मोड़ लिया, जिससे न केवल सड़क की स्थिति बिगड़ गई बल्कि हादसे भी बढ़ गए हैं।
सड़क सुरक्षा की हो रही अनदेखी
कांटे से लेकर घघौआ तक 70 किमी फोरलेन का हिस्सा बस्ती जिले की सीमा से लगता है। सड़क सुरक्षा की अनदेखी हादसे की वजह बन रही है। सुरक्षा के लिए बने डिवाइडर जगह-जगह काट दिए गए हैं। ढाबा,होटल और तमाम दुकानें खुल गई हैं। सुरक्षा के लिए बाजार,स्कूल,मोड़,दुर्घटना बाहुल्य और स्पीड ब्रेकर के लगाए गए संकेतक गायब हो गए हैं। पटरियों पर झाड़ियां उग आई हैं जबकि पेड़ों की डालियां लटक गईं हैं। कांटे से मड़वानगर टोल बूथ और चौकड़ी टोल प्लाजा से विक्रमजोत तक सड़क टूट गई हैं। इन खामियों से एनएचएआइ के अफसरों ने भी आंख मूंद लिया है।
केपी सिंह, टीम लीडर एनएचएआइ ने बताया कि फोरलेन पर बारिश के बीच ओवरलोड वाहनों की आवाजाही से गड्ढे बन जाते हैं, लेकिन इनको समय-समय पर ठीक भी कराया जाता है। कांटे के पास एंबुलेंस सड़क किनारे खड़े कंटेनर में पीछे से भिड़ी है। सेफ्टी टीम मौके पर भेजी गई थी। हादसे की वजह के बारे में जानकारी की जा रही है।