विभागीय ढिलाई के चलते जल रहे ट्रांसफार्मर
ट्रांसफार्मरों की नहीं की जाती उचित देखभाल
बस्ती : इस बरसात में बिजली विभाग की खामियां खुलकर सामने आ रही हैं। देखरेख के अभाव में एक जून से लेकर अब तक करीब तीन सौ ट्रांसफार्मर जल चुके हैं।
होता यह है कि एक बार ट्रांसफार्मर लगा दिए जाने के बाद विभाग का कोई झांकने नहीं जाता है। गर्मी में अत्यधिक लोड और मानसून सत्र में बारिश के चलते ट्रांसफार्मर जल जा रहे हैं। इसकी प्रमुख वजह तकनीकी फाल्ट समय से दूर न करना है। क्षमतावृद्धि कार्य को नजरंदाज करने के चलते लोड बढ़ते ही ट्रांसफार्मर जल जाते हैं।
कप्तानगंज बाजार में लगा 25 केवीए का ट्रांसफार्मर दो बार जल चुका है। क्षमतावृद्धि कार्य फाइलों में उलझा हुआ है। कस्बावासी बिजली संकट से जूझ रहे हैं। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत एक और 25 केवीए का ट्रांसफार्मर लगवा दिया गया। इतने के बाद भी उपभोक्ताओं को निजात नहीं मिल पाई।
गनेशपुर फीडर के चैनपुर में लगे 25 केवीए ट्रांसफार्मर का है। कई बार जल चुका है। क्षमतावृद्धि कार्य लटका हुआ है। यहां लो-वोल्टेज से भी लोग जूझ रहे हैं। ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी क्षेत्रीय अभियंता की निद्रा नहीं टूटी है।
सर्वाधिक 25 केवीए के ट्रांसफार्मर जले
वर्कशाप के आंकड़ों पर यकीन करें तो हर दिन 14-15 ट्रांसफार्मर जल रहे हैं। जून में जले 300 ट्रांसफार्मरों में सर्वाधिक 149 ट्रांसफार्मर 25 केवीए के हैं। 10 केवीए के 83, 63 केवीए के 37 व 100 केवीए के आठ व 250 केवीए के एक ट्रांसफार्मर जले हैं।
आलोक रंजन सिंह, मुख्य अभियंता विद्युत वितरण, मंडल बस्ती ने बताया कि ट्रांसफार्मर जलने की सूचना मिलते ही तत्काल वहां दूसरा ट्रांसफार्मर भेज कर बिजली आपूर्ति बहाल करा दी जाती है। यह सही है कि बारिश में कुछ ज्यादा ही ट्रांसफार्मर जल गए हैं। अभियंताओं को ट्रांसफार्मरों की उचित देखभाल के निर्देश दिए गए हैं।