यंगिस्तान ने मारा मैदान, शहर से लेकर गांवों तक जमकर मतदान
लोकतंत्र के उत्सव में युवा जोश ने दम भर दिया। शहर से लेकर गांव-कस्बा तक जमकर मतदान किया।
By Edited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 10:04 AM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 10:04 AM (IST)
जेएनएन, बरेली : लोकतंत्र के उत्सव में युवा जोश ने दम भर दिया। शहर से लेकर गांव-कस्बा तक का यंगिस्तान उत्साहित नजर आया। पहले अपना वोट डाला। फिर परिवार और मुहल्ले की महिला-बुजुर्गो को लेकर मतदान केंद्र पहुंचते रहते। वोट डलवाया। वापस, घर पहुंचाने की जिम्मेदारी भी निभाते रहे। मतदान के प्रति यंगिस्तान का हौसला संदेश दे भी गया, कि यूं ही हर कोई उन्हें अपने दिल में बसाने को बेकरार नहीं है। सुबह साढ़े आठ बजे बीबीएल पब्लिक स्कूल मतदान केंद्र पर यूथ की रंगत छाई थी। यहां से मीरगंज, फिरोजपुर, सोहरा, दुनका, शीशगढ़ और बहेड़ी तक यही तस्वीर बनी रही। बूथ पर जो एजेंट बने थे, मतदान पर्ची काटने वाले एजेंट, बाइक, गाड़ी से मतदाताओं को केंद्र तक पहुंचने वाले-नौजवान ही दिखे। शीशगढ़ के मतदान केंद्र के बाहर आसिफ ने अपनी बाइक रोकी। उनके संग दो महिलाएं थीं। हमने पूछा, अपना वोट डाल दिया-बोले 'सुबह सात बजे ही डाल गए थे। तब से खानदान की औरतों के वोट डलवा रहे हैं। अब तक 32 वोट डलवा दिए हैं।' किसी पार्टी से जुड़े हैं, हमारे सवाल पर बोले, 'नहीं, वोट हमारा हक है। हम चाहते हैं कि मेरा पूरा खानदान अपने मताधिकार का उपयोग करे।' मतदान के प्रति आसिफ की गंभीरता लाजवाब लगी। चुनाव में युवाओं की सक्रियता का यह नजारा सेंथल, ट्यूलिया गांव तक एक जैसा रहा। सेंथल में जौहर अली घरों में जाकर यह पूछते दिखे कि, क्या सबके वोट पड़ गए हैं? हां, का जवाब मिलने पर वह आगे बढ़े। हमने पूछा तो बताने लगे कि घर में पुरुष न होने के कारण महिलाएं वोट डालने की इच्छा नहीं जतातीं। इसलिए देख रहे कि कोई रह गया तो उनका वोट डलवा दिया जाए। एनसीसी-एनएसएस वाले डटे मीरगंज मतदान केंद्र के बाहर एनसीसी कैडेट्स अपनी ड्रेस में खड़े थे। केंद्र पर पहुंचने वाले मतदाताओं की पर्ची, देख रहे थे। जिनके पास सही पर्ची नहीं होती, वो उनकी मदद में जुटे थे। एनएसएस कार्यकर्ता भी मतदाताओं की मदद मिले।
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