World Arthritis Day : डॉक्टरों को भी हो रही हैरानी, बोले- बुढापा ही नहीं, जवानी में भी हाे रहा जोड़ों का दर्द
World Arthritis Day हैरानी की बात है कि जवानों को भी जोड़ लगभग उतना ही दर्द दे रहे हैं जितना बुजुर्गों को। एसआरएमएस मेडिकल कालेज में हड्डी रोग विशेषज्ञ मेडिकल सर्जन डा.ध्रुव गोयल बताते हैं कि देश में करीब 18 करोड़ आर्थराइटिस के मामले पिछले दिनों माने गए।
बरेली, जेएनएन। World Arthritis Day : आर्थराइटिस यानी जोड़ों का दर्द व सूजन...। अमूमन 50 से 60 साल की उम्र से शुरू होने वाली इस बीमारी को वैसे तो बुजुर्गों का मर्ज कहते हैं। लेकिन ये पूरी हकीकत नहीं। हकीकत में हर चौथा शख्स जोड़ों के दर्द और सूजन की समस्या से जूझ रहा है। हैरानी की बात है कि जवानों को भी जोड़ लगभग उतना ही दर्द दे रहे हैं, जितना बुजुर्गों को। एसआरएमएस मेडिकल कालेज में हड्डी रोग विशेषज्ञ मेडिकल सर्जन डा.ध्रुव गोयल बताते हैं कि देश में करीब 18 करोड़ आर्थराइटिस के मामले पिछले दिनों माने गए। कालेज में ही उपचार के लिए आने वाले हर 100 में से 40 फीसद तक मामले युवाओं में आर्थराइटिस की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं। इनकी उम्र महज 20 से 40 साल तक की होती है। इस बार की थीम भी ‘डोन्ट डिले, कनेक्ट टुडे-टाइम टू वर्क’ है। यानी देर न करें और तुरंत समस्या दिखाएं, अब सुधार का वक्त है।
आनुवांशिक के साथ ज्यादा कसरत और अनियमित दिनचर्या वजह
डा.गोयल के मुताबिक 20 से 40 आयुवर्ग में आने वाले युवाओं में आर्थराइटिस की समस्या होने की तीन से चार वजह हैं। इनमें एक वजह आनुवांशिक समस्या है। इसमें शरीर के अंदर की रोग प्रतिरोधक क्षमता ही जोड़ों पर बुरा असर डालने लगती है। इसके अलावा जरूरत से ज्यादा कसरत, अत्यधिक वजन उठाने से भी हड्डियां के जोड़ों पर नकारात्मक असर पड़ता है। वहीं अनियमित दिनचर्या और खानपान के साथ ज्यादा वजन भी हड्डियों के जोड़ों में दर्द व सूजन की वजह बनता है।
आर्थराइटिस के बावजूद कर सकते तैराकी व व्यायाम
विशेषज्ञ बताते हैं कि एक आम धारणा है कि जिस शख्स को आर्थराइटिस है, वह व्यायाम या तैराकी नहीं कर सकता। जबकि यह गलत है। तैराकी में वाटर एरोबिक्स (एक विशेष तरह से तैराकी) बेहद सहायक है। इसके अलावा साधारण व्यायाम जैसे तेज चलना, हल्की दौड़, योग व अन्य व्यायाम किया जा सकता है। इसके लिए एक बार विशेषज्ञ से बात कर सही सलाह भी लें। हां, भारी वजन या बाडी बिल्डिंग जैसे व्यायाम नहीं कर सकते हैं।
गर्म और ठंडे, दोनों तरह के पानी से कर सकते सिकाई
जोड़ों में सूजन या दर्द होने पर किस तरह के पानी से सिकाई करें, एक यह भी सवाल जेहन में रहता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि दोनों तरह की सिकाई की अलग-अलग केस में उपयोगिता है। शरीर के जोड़ जाम होने या ज्यादा दर्द होने पर गर्म पानी से सिंकाई कर सकते हैं। वहीं सूजन, जोड़ लाल या जोड़ गर्म लग रहा है तो बर्फ से सिकाई की जाती है। मौसम में बदलाव या किसी मौसम विशेष का जोड़ों के दर्द घटने या बढ़ने पर कोई असर नहीं है।
जोड़ों के दर्द व सूजन से यूं कर सकते बचाव
- नियमित साधारण व्यायाम करें।
- तैराकी करें और बाडी बिल्डिंग से दूर रहें।
- ज्यादा वजन दिक्कत है, इसे बढ़ने से रोकें।
- फास्ट फूड व ज्यादा तैलीय खाने से बचें।
- साधारण पौष्टिक आहार व दूध का सेवन करें।