Save Every Drop of Water : बरेली के नवाबगंज के तालाब को नया जीवन दे रहीं महिलाएं, जानिये इसके जरिये कैसे महिलाओं की आर्थिक स्थिति हो रही मजबूत
Save Every Drop of Water बारिश की बूंदों को सहेजने की कोशिशें रोजगार भी दे रही है। जल जीवन को सहेजने के लिए नवाबगंज की महिलाएं आगे आईं तो रोजगार भी मिला। स्वयं सहायत समूह से जुड़ी महिलाएं तालाब को मूल स्वरूप में लाने की कोशिश कर रही है।
बरेली, जेएनएन।Save Every Drop of Water : बारिश की बूंदों को सहेजने की कोशिशें रोजगार भी दे रही है। जल, जीवन को सहेजने के लिए नवाबगंज की महिलाएं आगे आईं, तो रोजगार की राह भी आसान हो चली। स्वयं सहायत समूह से जुड़ी ये महिलाएं तालाब को मूल स्वरूप में लाने की कोशिश कर रही है। बारिश होने पर तालाब में जल संचयन होने के बाद फायदा गांव के लोगों को होगा।नवाबगंज की बसाहट के साथ ही पुराना तालाब कस्बे में हैं। पहले पानी से लबालब रहने वाला ये तालाब धीरे-धीरे सूख गया। तालाब को मूल स्वरूप में लाने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जोड़ा गया। शुरुआत में नौ स्वयं सहायता समूह की करीब 80 महिलाएं खोदाई के लिए पहुंची। मानदेय के जरिए उनके परिवारों को आर्थिक सहारा मिला। अब उनके परिवार के पुरुष सदस्य भी तालाब पर पहुंच रहे है। यहां पंद्रह दिन की खोदाई और होनी है। इसके बाद तालाब बारिश के पानी को सहेजने के लिए तैयार होगा।
मनरेगा में प्रावधान है, लेकिन महिलाएं आती नहीं थी
रोजगार सेवक ओमकार सिंह बताते है कि महिलाओं को प्रतिदिन बतौर मानदेय 204 रुपये मिलते हैं। यहां तीन दिनों से खोदाई चल रही है। डीसी मनरेगा गंगाराम बताते है कि मनरेगा में 35 फीसद महिलाओं के काम करने का प्रावधान है, लेकिन महिलाएं सामने आती नहीं हैं। लंबे समय बाद स्वयं सहायता समूह की महिलाएं तालाब खोदने के लिए आगे आई हैं।
इन स्वयं सहायत समूह की महिलाएं कर रही काम
स्वच्छ भारत, नारी शक्ति, जय गंगे, पूजा, खुशबू, हरियाली, नई दिशा, लक्ष्मी, महालक्ष्मी