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बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के सहारे बरेली प्रशासन गांवों में कोविड की दूसरी लहर से लड़़ रहा

तकरीब 20 साल पहले आयुर्वेद अस्पताल की जमीन को नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बदलने का निर्णय हुआ था। उम्मीद थी कि गांव के लोगों को इलाज दवाएं जांचे और इमरजेंसी सेवाएं मिल सकेगी। लेकिन सभी दावे फेल साबित हो रहे हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sun, 23 May 2021 04:20 PM (IST)Updated: Sun, 23 May 2021 04:20 PM (IST)
बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के सहारे बरेली प्रशासन गांवों में कोविड की दूसरी लहर से लड़़ रहा
बरेली प्रशासन गांवों में बदहाल चिकित्सा सेवा के साथ कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के देख रहा सपने।

बरेली, जेएनएन। तकरीब 20 साल पहले आयुर्वेद अस्पताल की जमीन को नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बदलने का निर्णय हुआ था। उम्मीद थी कि गांव के लोगों को इलाज, दवाएं, जांचे और इमरजेंसी सेवाएं मिल सकेगी। कोविड की दूसरी लहर में लोगों की सेहत को संभालने का दावा देखने के लिए दैनिक जागरण के संवाददाता स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल हुए तो गंदगी के अंबार नजर आए। परिसर में मौजूद लोगाें का कहना था कि स्वास्थ्य केंद्र हल्की बारिश में तालाब जैसा दिखता है।

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जगह-जगह कब्जे हो चुके हैं। उसके बावजूद अधिकारी व प्रशासन इन्हीं स्वास्थ्य केंद्रों के भरोसे कोरोना की तीसरी लहर से लड़ाई लडऩे के सपने देख रहा है।फतेहगंज पूर्वी में करीब 40 गांव के 80 हजार लोगों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी संभालने वाला नवीन स्वास्थ्य परीक्षण केंद्र रेफरल सिस्टम के भरोसे चल रहा है। बुखार, खांसी, जुकाम के मरीजों को यहां डॉक्टर इलाज देते हैं, बाकी मरीज जिला अस्पताल के लिए रेफर हो जाते हैं। इमरजेंसी होने पर 17 किमी दूर फरीदपुर स्थित सीएससी पर गांव के लोगों को जाना होता है।

इलाज के लिए चाहिए संसाधन और स्टाफ : केंद्र पर संसाधनों के नाम पर टीबी, मलेरिया की जांच हो रही थी। अब कोरोना की जांच भी शुरू हो चुकी है। केंद्र पर 102 और 108 एंबुलेंस भी मौजूद मिली। सिर्फ एक ऑक्सीजन सिलिंडर था। वह भी फरीदपुर सीएससी पर भेज दिया गया। स्टाफ ने बताया कि एक डॉक्टर, एक फामोसिस्ट, दो एलटी और एक वार्ड ब्वाय के साथ केंद्र चल रहा है। डॉक्टर छुट्टी पर जाए तो स्वास्थ्य केंद्र पर गांव के लोगों को सिर्फ मायूसी मिलती है। दवा नहीं। दरअसल, यहां तैनात रहे डॉ. इमरान की 300 बेड में तैनाती दी गई है।इमरजेसी सेवा के लिए नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कोई व्यवस्था नहीं है। यहां से तुरंत सीएससी भेज दिया जाता है।

सफाई कर्मचारी नहीं आते, खुद से करवा लेते है सफाई : प्रशासन के दावे हैं कि स्वास्थ्य केंद्रों पर सफाई हो रही है। लेकिन हकीकत में यहां झाड़ू लगना भी मुश्किल है। क्योंकि नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कोई भी सफाई कर्मचारी मौजूद नहीं है। पैरामेडिकल स्टाफ ने बताया कि हफ्ते में दो या तीन बार खुद ही झाड़ू लगवा देते हैं।

स्वास्थ्य केंद्र पर बनाएंगे बच्चा वार्ड : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक बच्चा वार्ड बनाया जाना है। फरीदपुर सीएससी प्रभारी डॉ. बासित अली ने बताया कि अभी इस बारे में कोई भी सूचना प्राप्त नहीं हुई है। निर्देश मिलने के बाद बच्चा वार्ड बनाया जाएगा। मानव संसाधन की कमी से सीएमओ कार्यालय को अवगत कराया गया है।

गांव के लोगों को चाहिए इलाज : संजीव अग्रवाल ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। जनप्रतिनिधि को इस ओर ध्यान देना चाहिए। कुठला प्रधान सूरजपाल का कहना है कि नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कम से कम इमरजेंसी सेवाएं तो होनी ही चाहिए। जिससे लोगों को फरीदपुर ना भागना पड़ा। सुधीर सिंह का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र पर लोगों ने कब्जा कर रखा है। बच्चे क्रिकेट मैच खेलते हुए नजर आते हैं। 


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