Wildlife : अफसरों से चालाक निकली बाघिन, नहीं स्वीकारी दावत, डाले रहे रात भर डेरा
वन विभाग की दावत उड़ाने वाली बाघिन अफसरों से तेज नजर आ रही है। फतेहगंज पश्चिमी की बंद रबर फैक्ट्री में घूम रही बाघिन ने बुधवार की रात अफसरों को फिर चकमा दिया।
बरेली, जेएनएन। वन विभाग की दावत उड़ाने वाली बाघिन अफसरों से तेज नजर आ रही है। फतेहगंज पश्चिमी की बंद रबर फैक्ट्री में घूम रही बाघिन ने बुधवार की रात अफसरों को फिर चकमा दिया। अफसर मचान लगाकर बाघिन के आने का इंतजार करते रहे लेकिन वह नहीं आई। इसके बाद अफसरों ने बाघिन की रेकी नए तरीके से शुरू कर दी है। जिसके चलते रबड़ फैक्ट्री में 103 दिन से घूम रही बाघिन के गुरुवार को पकड़े जाने की उम्मीद है। जिसका पकड़ने के लिए विशेषज्ञों की टीम रबड़ फैक्ट्री में ऑपरेशन चला रही है।
रेस्क्यू में लगाए गए 93 कर्मचारी
बंद रबड फैक्ट्री में मौजूद बाघिन काे पकड़ने का ऑपरेशन मुख्य वन संरक्षक ललित कुमार के नेतृत्व में चल रहा है। बाघिन को पकड़ने के लिए विशेषज्ञों समेत 93 कर्मचारी रेस्क्यू में लगाए गए है। पूरी टीम ने रात से हर डेरा डाले हुए है। मुख्य वन संरक्षक ललित कुमार वर्मा ने बताया कि वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून के चार विशेषज्ञों के अलावा कानपुर वन्य जीव प्राणी उद्यान के विशेषज्ञ डॉ. आरके सिंह, दुधवा नेशनल पार्क के डॉ. दुष्यंत सिंह के अलावा पीलीभीत टाइगर रिजर्व के विशेषज्ञ पहले ही बरेली पहुंच गए थे। सभी ने रबर फैक्ट्री का निरीक्षण करने के बाद टाइगर विशेषज्ञों और वन अधिकारियों की कई बैठक हुई। जिनमे बिंदुवार रणनीति तय की गई। रेस्क्यू पूरा करने के लिए तालाब के पास दो पड्डा बंधे गए हैं। फैक्ट्री परिसर में चार जगह मचान लगाई गई है।
बाघिन को करना है ट्रैक्युलाइज
बाघिन के डॉर्ट गन के कवरेज एरिया में आते ही उसे तुरंत ट्रेंक्यूलाइज किया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक उन्होंने बाघिन की रेकी पूरी कर ली थी। सुबह कैमरे चेक कर उसे ट्रेंक्यूलाइज किया जाना था। लेकिन बाघिन के पास न आने पर रणनीति सफल नहीं साबित हुई। हालांकि उन्होंने बाघिन को पकड़ने के लिए फिर से रेकी शुरु कर दी है। इसके अलावा टीम ने पब्लिक दूर रखने के लिए पुलिस भी मांगी है।
अफसरों ने खुले में बंधवाए दो पड्डे
बाघिन ने सोमवार देर रात जहां मय खूंटे के पड्डा को अपना शिकार बनाया था। वहीं वह एक बार पहले भी वन विभाग के अधिकारियों की दावत उड़ा चुकी है। लेकिन इस बार विभाग ने फिर से पड्डे बांधे है। विभाग का मानना है कि बाघिन एक बार फिर से इनमें से किसी भी पड्डा को शिकार बना सकती है। इसी दौरान उसे ट्रैक्युलाइज करने की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी।
बाघिन के रेस्क्यू करने के लिए बुधवार को कार्ययोजना बनाकर तैयारी की। मचान में विशेषज्ञ डार्ट गन लेकर तैनात रहेंगे। इसके लिए अलग-अलग टीम बनाई गई है। गुरुवार को ऑपरेशन टाइगर पूरा होने की उम्मीद है। - ललित कुमार, मुख्य वन संरक्षक, बरेली