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बरेली में 600 किसानों को मुआवजा क्यों नहीं मिला, अफसरों से पूछेंगे केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी

केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार से किसानों ने मुलाकात करके कहा कि आठ फरवरी से अनशन पर बैठना मजबूरी होगी। संजीदा मसले पर केंद्रीय मंत्री ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा कि किसानों को उनका अधिकार मिलना चाहिए।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 09:46 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 09:46 AM (IST)
बरेली में 600 किसानों को मुआवजा क्यों नहीं मिला, अफसरों से पूछेंगे केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी
बरेली में 600 किसानों को मुआवजा क्यों नहीं मिला, अफसरों से पूछेंगे केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी

बरेली, जेएनएन। बड़ा बाइपास निर्माण में अधिग्रहित जमीनों में 600 किसानों ने मुआवजा को लेने से इन्कार किया था। सर्किल रेट को लेकर पैदा हुआ असंतोष सात साल बाद भी जारी है। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार से किसानों ने मुलाकात करके कहा कि आठ फरवरी से अनशन पर बैठना मजबूरी होगी। संजीदा मसले पर केंद्रीय मंत्री ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा कि किसानों को उनका अधिकार मिलना चाहिए। नितिन गडकरी ने पत्र का जवाब देते हुए कहा कि वह बरेली के अफसरों से पूछेंगे कि किसानों को मुआवजा क्यों नहीं मिला।

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इस मामले की शुरूआत वर्ष 2013 में बड़ा बाइपास निर्माण के दौरान 33 गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहण से शुरू हुआ था। 29 गांव के 600 किसानों के आरोप थे कि चार गांव की तुलना में उन्हें कम भुगतान देने की कवायद चल रही थी। इसलिए उन्होंने मुआवजा लेने से इन्कार कर दिया। अब 600 किसानों ने प्रशासन को आठ फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया है। वर्तमान सर्किल रेट के आधार पर भुगतान नहीं होने पर किसान आठ फरवरी से अनशन पर बैठने की चेतावनी दे रहे हैं।

ये है पूरा मामला

बरेली में 32.5 किमी लंबा बड़ा बाइपास बनाने के लिए रजऊ परसपुर से परसाखेड़ा तक 33 गांवों के करीब तीन हजार किसानों की जमीन का अधिग्रहण हुआ था। इनमें 2400 किसानों ने जमीन का मुआवजा ले लिया था। लगभग 600 किसानों ने विसंगतियों के चलते मुआवजा नहीं लिया। अखिल भारतीय किसान महासभा के जिलाध्यक्ष हरिनंदन पटेल के आरोप है कि किसानों को 25 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर जमीन के हिसाब से मुआवजा एनएचएआइ की ओर से दिया गया।

कुछ किसानों को वर्ष 2008-09 और कुछ को वर्ष 2013-14 के सर्किल रेट के हिसाब से मुआवजा दिया गया है। कुछ गांवों के किसानों को वर्ष 2009 के न्यूनतम सर्किल रेट 33 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर से भी कम 25 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर से मुआवजा दिया गया। जोकि गलत है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से किसानों के मामले में हस्तक्षेप के लिए कहा गया था। उनका जवाब आया है। इससे किसानों को फायदा होगा। प्रशासन को उनके मुआवजे का भुगतान करना चाहिए। - संतोष गंगवार, केंद्रीय मंत्री, बरेली


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