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Independence Day 2020 : लंबे संघर्ष के बाद जब आजादी मिली तो अंग्रेजों की लाठियों का दर्द भूल गए : चौधरी रणवीर

हजारा थाना क्षेत्र के गांव अशोक नगर जंगल कॉलोनी में रह रहे वयोवृद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चौधरी रणवीर सिंह जीवन के 97 बसंत देख चुके हैं।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sat, 15 Aug 2020 07:10 AM (IST)Updated: Sat, 15 Aug 2020 07:22 AM (IST)
Independence Day 2020 : लंबे संघर्ष के बाद जब आजादी मिली तो अंग्रेजों की लाठियों का दर्द भूल गए : चौधरी रणवीर
Independence Day 2020 : लंबे संघर्ष के बाद जब आजादी मिली तो अंग्रेजों की लाठियों का दर्द भूल गए : चौधरी रणवीर

पीलीभीत, जेएनएन। हजारा थाना क्षेत्र के गांव अशोक नगर जंगल कॉलोनी में रह रहे वयोवृद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चौधरी रणवीर सिंह जीवन के 97 बसंत देख चुके हैं। उम्र ढलने के कारण आंखें धुंधली पड़ गई हैं और सुनाई भी कम देने लगा है लेकिन आजादी के आंदोलन का जिक्र छिड़ते ही उनके चेहरे पर चमक आ जाती है। बोले- जब लंबे संघर्ष के बाद आजादी मिली तो अंग्रेजों की लाठियों का दर्द भी भूल गए थे।

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मूल रूप से मेरठ जिले के निवासी चौधरी कहते हैं कि आंदोलन के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों, क्रांतिकारियों ने आजाद भारत की व्यवस्था के लिए जो सपने देखे थे, उनमें से बहुत से सपने पूरे हो गए। कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति, तीन तलाक जैसी कुप्रथा का अंत, दहेज विरोधी प्रभावी कानून, अयोध्या में राम जन्मभूमि का निपटारा आदि को वह देश की बड़ी उपलब्धि रही है।

कश्मीर तो भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का कहना है कि गांवों का अभी उतना विकास नहीं हुआ, जितना होने का हम लोगों ने आजाद भारत में सपना देखा था। गांवों के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना शेष है। उन्होंने बताया कि आजादी के बाद उन्हें सरकार ने इस क्षेत्र में दस एकड़ कृषि भूमि का आवंटन किया था। तभी से वह यहां परिवार सहित आकर बस गए थे।  


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