Move to Jagran APP

Loksabha Election 2019: देश की माटी और मतदान की कशिश ब्रिटेन, दुबई, सऊदी अरब से खींच लाई

विदेश में बसे भारतीय लोगों के दिल में देश की माटी का सोंधापन और विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की सबसे अहम कड़ी (मतदाता) होने का गौरव जिंदा है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 06:59 AM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 04:08 PM (IST)
Loksabha Election 2019: देश की माटी और मतदान की कशिश ब्रिटेन, दुबई, सऊदी अरब से खींच लाई
Loksabha Election 2019: देश की माटी और मतदान की कशिश ब्रिटेन, दुबई, सऊदी अरब से खींच लाई

चुनाव डेस्क, बरेली : किसी को नौकरी की मजबूरी तो किसी को बेहतर कॅरिअर का अवसर भारत भूमि से दूर परदेश ले गया। विदेश में बसे इन लोगों के दिल में देश की माटी का सोंधापन और विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की सबसे अहम कड़ी (मतदाता) होने का गौरव जिंदा है। यही अपनत्व मतदान दिवस से पहले लोगों को अपनी धरती पर खींच लाई। चाहें दुबई में बेटे के पास रह रहे 77 वर्षीय मतीन अहमद हों या ढाई साल बाद ब्रिटेन से परिवार सहित लौटे रिटायर रेलवे अधिकारी श्याम बहादुर खरे। मतदान के दिन बूथ पर लगी कतार में इनकी उपस्थिति ही लोकतंत्र का पर्याय है। समृद्धि है। प्रेरणा है। आइये रूबरू कराते हैं मतदान को भारतीयता का फर्ज मानने वाले ऐसे लोगों से...।

loksabha election banner

अब तक न छूटा मतदान, लौट आए लंदन से

शाहजहांपुर में रेलवे स्टेशन के पास मालगोदाम रोड पर रहने वाले श्यामबहादुर खरे उत्तर रेलवे में मुख्य टिकट निरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हैं। बेटा निशांत लंदन की एक कंपनी में क्वालिटी कंट्रोल ऑफिसर है। रिटायरमेंट के बाद श्यामसुंदर खरे भी पत्नी नीलिमा के साथ बेटे के पास ही चले गए। करीब ढाई साल बाद अब लौटे हैं। अपने मताधिकार का प्रयोग करने। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी परिवार सहित आए थे। उनका कहना है कि अब तक एक भी चुनाव ऐसा नहीं रहा, जिसमें मैंने अपने मताधिकार का प्रयोग न किया हो। फिर इस बार कैसे चूकते। जो लोग यह सोचते हैं कि उनके एक वोट से क्या हो जाएगा, उनकी सोच से लोकतंत्र भी कमजोर होता है।

देश मजबूत होगा, तभी विदेश में देशवासी मजबूत होगा

बरेली शहर में किला के पास इंग्लिशगंज मुहल्ला के सैयद मतीन अहमद उम्र के 77वें पड़ाव पर हैं। जिंदगी का ज्यादातर वक्त सऊदी अरब और कतर में बीता। वहां तेल कंपनी में प्रोडक्शन इंचार्ज रहे। अब दुबई में बहुराष्ट्रीय कंपनी यूनिलीवर में बतौर मैनेजर (सेल्स) कार्यरत बेटे सैयद फवाद अहमद के पास पत्नी फरहत सुल्तान के साथ रहते हैं। बाकी परिवार यहीं रहता है। साल-दो साल के अंतराल में अपनों से मिलने आते हैं। इस बार 23 मई को मतदान दिवस है तो यह बुजुर्ग लोकतंत्र प्रहरी पहले ही अपने मुल्क लौट आए। वह बताते हैं यह मेरा अधिकार है। मेरे वोट से मुल्क मजबूत होगा और देश मजबूत होगा तो विदेश में रह रहा हर भारतीय मजबूत होगा।

वोट डालकर मस्कट जाएंगे बलविंदर सिंह

वतन की माटी की खुशबू और मतदान का महत्व, उत्सुकता क्या होती है, शाहजहांपुर जिले में बंडा क्षेत्र के कुइयां महोलिया निवासी बलविंदर सिंह के व्यक्तित्व से झलकता है। 1987 में सेना की इलेक्ट्रिकल मेकैनिकल इंजीनियरिंग कोर में तैनात रहे बलविंदर सिंह ने अपने शौर्य से 1999 के कारगिल युद्ध में दुश्मन के दांत खट्टे किए थे। 2003 में सेवानिवृत्त हुए थे। बेटा गुरुविंदर कनाडा से एमबीए कर रहा तो बेटी ने इसी साल रूस से मेडिकल की डिग्री पूरी की। बलविंदर खुद सेवानिवृत्ति के बाद मस्कट में कार्यरत भारतीय कंपनी ओमान एंड यमन बार्डर कंस्ट्रक्शन में प्रोजेक्ट हेड हैं। लोकतंत्र में अपनी जिम्मेदारी निभाने की ललक इन्हें स्वदेश ले आई। पत्नी परमजीत के साथ लौटे बलविंदर सिंह बताते हैं इससे पहले 2012 के विधानसभा चुनाव में मतदान किया था। लोकसभा में पहली बार वोट करूंगा।

नौकरी मेरी, मतदान देश की जरूरत

वतनपरस्ती का जज्बा सिर्फ जंग के मैदान, सिनेमा के पर्दे या क्रिकेट, हॉकी के मैच में ही नहीं, आम भारतीय के दिल में धड़कता है। यह साबित करता है बरेली के ठिरिया निजावत खां निवासी मोहम्मद राशिद खां का जोश और समर्पण। राशिद करीब आठ साल से सऊदी अरब के रियाद की एक कंपनी में सुपरवाइजर हैं। इस बार रमजान और मतदान का संयोग एक साथ बना है तो एक माह पहले ही वतन लौट आए। विदेश में नौकरी, कंपनी के अनुबंध, आने-जाने का महंगा खर्च की तमाम दुश्वारियों के बावजूद लोकतंत्र में अपने फर्ज से नहीं चूके। राशिद बताते हैं कि 2012, 2017 के विधानसभा चुनाव हों या 2014 के लोकसभा निर्वाचन। जागरूक मतदाता की जिम्मेदारी निभाई। यहां तक कि ठिरिया पंचायत के चुनाव में भी आए थे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.