Vikas Dubey Encounter : पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद बोले- खून का बदला खून तो क्या ...जरूरत
कानपुर में पुलिस कर्मियों की हत्या करने वाले दुर्दान्त अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर अब सियासत गर्माने लगी है।एसटीएफ ने एनकाउंटर कर दिया है।
शाहजहांपुर, जेएनएन। Politics of Vikas Dubey Encounter : कानपुर में पुलिस कर्मियों की हत्या करने वाले दुर्दान्त अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर अब सियासत गर्माने लगी है। शुक्रवार को सुबह एसटीएफ द्वारा विकास दुबे का एनकाउंटर करने के बाद विपक्षियों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरु कर दिया है। शाहजहांपुर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने विकास दुबे एनकाउंटर को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि अगर खून का बदला खून ही है तो न्यायपालिका की क्या जरूरत है।
एनकाउंटर पर बयान जारी करते हुए जितिन ने कहा कि कानपुर में जो घटनाक्रम हुआ उससे सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। सरकार की कार्यशैली व अपराधियों की कार्यशैली में क्या अंतर है। अगर खून का बदला खून होगा तो न्यायपालिका की क्या जरूरत है। जो एनकाउंटर हुआ है उससे सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कौन वे लोग हैं जो चाहते थे कि इस कुख्यात अपराधी का अंत हो जाए और उसी के साथ सारे राज दफन हो जाएं। उन लोगों को छूट मिल जाए जो दोषी है और ऐसे अपराधियों को संरक्षण देते हैं। जो जनता पर कहर बरपाते हैं। सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए।
दो जुलाई को कानपुर के बिकरू में हुई आठ पुलिस वालों की हत्या के बाद से फरार चल रहे विकास दुबे को पुलिस ने उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर के प्रांगण से गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद पुलिस ने पहले उससे मध्यप्रदेश में ही पूछताछ की थी। जिसके बाद यूपी एसटीएफ विकास दुबे को लेने उज्जैन पहुंची थी। जिसके बाद एसटीएफ उसे सड़क मार्ग से कानपुर ला रही थी। पुलिस के मुताबिक रास्ते मेें विकास ने भागने की कोशिश की जिसके बाद दौरान वह मारा गया। हालांकि इस मामले में चार पुलिस कर्मी भी घायल हुए है। जिसके बाद से राजनीतिक बयानबाजी शुरु हो गई है।