बसपा, भाजपा के बाद अब विजयपाल का नया ठिकाना सपा
बसपा भाजपा और फिर दोबारा बसपा का दामन थामने वाले पूर्व विधायक विजयपाल सिंह अब सपाई हो गए। शनिवार को उन्होंने लखनऊ में सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली।
बरेली, जेएनएन: बसपा, भाजपा और फिर दोबारा बसपा का दामन थामने वाले पूर्व विधायक विजयपाल सिंह अब सपाई हो गए। शनिवार को उन्होंने लखनऊ में सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। अभी खुलकर इच्छा जाहिर न की हो, मगर उनका यह कदम आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में है।
विजयपाल सिंह ने फरीदपुर में चुनावी राजनीति की शुरूआत बसपा के साथ की थी। वर्ष 1996 में वह बसपा के प्रत्याशी बनकर विधानसभा चुनाव में उतरे, मगर तीसरे नंबर पर रहे। वर्ष 2002 में पार्टी बदल ली और भाजपाई हो गए। भाजपा ने भी चुनावी मैदान में उतारा मगर, 39 हजार वोट पाकर दूसरे पर स्थान पर संतोष करना पड़ा था। भाजपा में खींचतान शुरू हुई और सफर कठिन लगा तो वह दोबारा बसपा में चले गए थे। वर्ष 2007 में चुनाव लड़े और बसपा से विधायक बन गए। वर्ष 2012 में चुनाव में भी बसपा के टिकट से ही मैदान में उतरे थे, मगर तब जीत हासिल नहीं हो सकी। दूसरे नंबर पर रहे। वर्ष 2017 में एक बार फिर बसपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाया, इस बार विधानसभा तक नहीं पहुंच सके।
इस सफर में बसपा में उनकी जड़ें गहरी होती चली गई थीं। उनकी पत्नी सुनीता सिंह ने वर्ष 2009 में बसपा से शाहजहांपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा। करीब ढाई लाख वोट मिले। वह भुता और फरीदपुर से एक-एक बार ब्लॉक प्रमुख भी रहीं।
फिलहाल, शनिवार को सपा की सदस्यता लेने के बाद उनका बयान था कि बसपा सुप्रीमो भाजपा की कठपुतली बनी हुई हैं। उनसे अनुसूचित समाज नाराज है। अब सपा के साथ आ रहा है। सपा जिलाध्यक्ष अगम मौर्य, महासचिव सत्येंद्र यादव आदि ने उन्हें बधाई दी है।
फरीदपुर में बदलेंगे सपा के समीकरण
फरीदपुर विधानसभा क्षेत्र में डा सियाराम सागर ने सपा की लंबे वक्त तक राजनीति की थी। अब उनके बेटे सियासत में सक्रिय हैं। विजयपाल सिंह के सपा में पहुंचने के बाद इस क्षेत्र में सपाइयों में आगामी चुनाव को लेकर चर्चाएं होने लगीं। हालांकि सियाराम सागर के परिवार का मुलायम सिंह यादव से जुड़ाव रहा है। ऐसे में आगामी चुनाव में पार्टी में टिकट की दावेदारी बेहद दिलचस्प होगी।
दूसरी ओर शाहजहांपुर निवासी पूर्व राज्यमंत्री अवधेश वर्मा भी सपा में शामिल हो गए। वह भी बसपा, भाजपा में रह चुके हैं।