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राज्य महिला आयोग की सदस्या से बोलीे पीडिता क्यों बिठा रखें डीएम और एसएसपी Bareilly News

आयोग की सदस्य रश्मि जायसवाल से पूछा कि डीएम एसएसपी को क्यों बैठा रखा है ये कुछ नहीं करते। लेखपाल गरीबों की जमीन हड़प लेते हैं।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Thu, 19 Dec 2019 09:57 AM (IST)Updated: Thu, 19 Dec 2019 09:57 AM (IST)
राज्य महिला आयोग की सदस्या से बोलीे पीडिता क्यों बिठा रखें डीएम और एसएसपी Bareilly News
राज्य महिला आयोग की सदस्या से बोलीे पीडिता क्यों बिठा रखें डीएम और एसएसपी Bareilly News

जेएनएन, बरेली : पुलिस अपनी कार्यशैली को लेकर एक फिर से कठघरे में है। मंगलवार को महिला जन सुनवाई के दौरान एक ऐसा मामला आया, जिसमें पीडि़त ने पुलिस पर आरोप लगाया। कहा कि जब वह अपनी मां की पिटाई की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए एसपी के पास गई तो उन्होंने एफआइआर दर्ज करने के आदेश की बजाय कहा- क्या बलात्कार हुआ है जो तुम्हारी एफआइआर दर्ज करुं ? इस पर सुनवाई कर रहीं राज्य महिला आयोग की सदस्य ने नाराजगी जताई और प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए।

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फरीदपुर के खुर्द करपिया के रहने वाले महेंद्र की मां को गांव के कुछ दबंगों ने पिछले दिनों जमकर पीटा था। क्योंकि उन्होंने खेत में चर रहे आरोपितों के पशुओं को भगा दिया था। महेंद्र बोले कि पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। इस पर महिला आयोग की सदस्य रश्मि जायसवाल ने नाराजगी जताई। यह देख एसपी क्राइम रमेश कुमार भारतीय ने फरीदपुर इंस्पेक्टर से बात की तो पता चला कि एनसीआर दर्ज की गई है। उन्होंने तुरंत सप्लीमेंट्री रिपोर्ट मंगाकर आगे की कार्रवाई के निर्देश दिए।

डीएम, एसएसपी को क्यों बैठाया

जन सुनवाई के दौरान मीरगंज थाने की रहने वाली महिला भी पहुंची। वह सरकारी सिस्टम से बेहद हताश, अवसादग्रस्त दिखी। पहुंचते ही आयोग की सदस्य रश्मि जायसवाल से पूछा कि डीएम, एसएसपी को क्यों बैठा रखा है, ये कुछ नहीं करते। लेखपाल गरीबों की जमीन हड़प लेते हैं। बच्चों की दवा लेने जाओ तो अस्पताल वाले भगा देते हैं। आप एसी कमरे में बैठकर शिकायतें सुनती हैं इसलिए बाहर की हकीकत क्या पता। इस पर रश्मि जायसवाल ने सीएमओ डॉ. विनीत शुक्ल से कहा कि इनका व बच्चों का सही इलाज कराइए।

महिला ने की शिक्षक पति की शिकायत

साहूकारा की रहने वाली महिला ने कहा कि पिछली बार निर्देशों के बाद भी बीएसए ने उनके पति और दूसरी पत्नी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई नहीं की। आरोप लगाया कि उनके शिक्षक पति के उन्हीं के स्कूल की प्रधानाध्यापिका से संबंध हैं। जिस कारण उन्होंने मुझे व मेरी बच्ची को छोड़ दिया। बिना तलाक दिए वे उसी के साथ रह रहे, उनके एक बच्चा भी है। इस पर सदस्य ने बीएसए को बुलाया मगर वह मौजूद नहीं थी। इस पर सदस्य बोलीं कि ऐसी बीएसए को हटा देना चाहिए।

स्वास्थ्य अधिकारी नहीं दे पाए जवाब

प्रेमनगर थाने के रहने वाले नीरा सारस्वत ने कहा कि प्राइवेट अस्पताल ने उनकी बेटी के इलाज में लापरवाही की। सीएमओ के आदेश पर बोर्ड गठित हुआ लेकिन एसीएमओ ने डाक्टरों और मुझे बिना बुलाए ही रिपोर्ट बना दी। मामले को लंबा खींचने के लिए उसे केजीएमयू को भेज दिया गया। जबकि खुद अस्पताल ने कहा था कि उसके पास जरुरी उपकरण नहीं है। इस पर स्वास्थ्य अधिकारी जवाब नहीं दे पाए। इतना जरूर कहा कि अस्पताल को क्लीन चिट नहीं दी गई है और इसमें दोबारा बोर्ड गठित करके जांच कराई जाएगी। सदस्या ने डाक्टरों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया।  


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