आम आदमी की थाली से दूर हुईं सब्जियां, महंगाई से टमाटर हुआ लाल
सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैैं तो आम आदमी की थाली से सब्जियां गायब होती जा रही हैैं।लोग सब्जियों के दाम बढऩे से परेशान हैैं। आलू प्याज से लेकर घी तेल रिफाइंड के बढ़ते दामों से आम आदमी की कमर टूट गई है।
पीलीभीत, जेएनएन। सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैैं तो आम आदमी की थाली से सब्जियां गायब होती जा रही हैैं। बात पीलीभीत के अमरिया की करें तो लोग सब्जियों के दाम बढऩे से परेशान हैैं। कोरोना काल में वैसे भी लोगों की कमाई घट गई है। ऊपर से मंहगाई ने झकझोर कर रख दिया है। आलू ,प्याज से लेकर घी, तेल, रिफाइंड के बढ़ते दामों से आम आदमी की कमर टूट गई है। निम्न-मध्यम वर्ग के लोगों का घरेलू बजट गड़बड़ा गया है। भोजन से सलाद पहले ही गायब हो चुका है। अब हरी सब्जियों ने गरीब की थाली से दूरी बना ली है। महंगाई का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रिफाइंड के दामों में 20 से 30 रुपये लीटर दाम बढ़ चुके हैं। मेहमान नवाजी के लिए परोसने वाली चाय भी महंगी हो गई है। इतनी महंगाई से लोगों के चेहरों पर मायूसी छा गई है। आलू, प्याज 30 से बढ़कर 60 रुपये किलो बिक रहा है। टमाटर 80 रुपये तो ङ्क्षभडी 50 रुपये में मिल रही है। थाली में सजने वाली दाल ने भी अपना रंग दिखा दिया है। मसूर की दाल 80 से बढ़कर 100 रुपये किलो में मिल रही है। उड़द, मूंग व अरहर की दालों में भी काफी उछाल आया है। सरसों तेल 120 रुपये से 150 तक पहुंच गया है। जिससे आम आदमी को काफी मुश्किल हो गई है।
क्या कहते हैैं लोग
कोरोना काल में आम आदमी तंगहाली से गुजर रहा है। ऊपर से सब्जियों व रोजमर्रा की चीजों के बढ़ते दामों से घरेलू बजट बिगड़ गया है। जिससे बहुत दिक्कतें खड़ी हो गई हैं।
ऊषा कुमारी
कोरोना काल में काम धंधे में बहुत मंदी है। दूसरी तरफ चाय, मसाले, दालें व सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं। जिससे त्योहार पर किचन का सामान की खरीदारी करना मुश्किल कर दिया है
शीला देवी
काफी समय से काम धंधा बहुत मंदा है। जैसे तैसे करके गुजर बसर हो रही है। तेल रिफाइंड सब्जी दालें आदि का भाव आसमान छू रहा है। महंगाई से गरीब की थाली से सब चीजें दूर हो रही है ।
चंपा देवी