बरेली में पिता का सपना पूरा करने के लिए पसीना बहा रहीं वैशाली, सीख रही एथलेटिक्स की बारीकियां
कभी पिता का सपना था कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता में दौड़ अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाएंगे। आर्थिक तंगी के चलते वह इसे पूरा नहीं कर सके। लेकिन पिता के इस सपने को अपनी आंखों में लिए उनकी बेटी वैशाली पूरा करने के लिए दौड़ रही हैं।
बरेली, जेएनएन। Bareilly Athlete News : कभी पिता का सपना था कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता में दौड़ अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाएंगे। आर्थिक तंगी के चलते वह इसे पूरा नहीं कर सके। लेकिन, पिता के इस सपने को अपनी आंखों में लिए उनकी बेटी वैशाली इसे पूरा करने के लिए दौड़ रही हैं। वैशाली ने पिछले सप्ताह मुजफ्फरनगर में आयोजित राज्य स्तरीय जूनियर एथलेटिक्स प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत पिता का नाम रोशन किया। उन्होंने बताया कि वह पिछले एक वर्ष से काेच अजय कश्यप के निर्देशन में एथलेटिक्स की बारीकियां सीख रही हैं।
वैशाली ने बताया कि उनके पिता घर-घर जाकर गैस सिलिंडर देने का कार्य करते हैं। इससे महीने भर में वह जो कुछ भी कमाते हैं उससे सिर्फ परिवार की रोज की ही जरूरते ही पूरी हो पाती हैं। वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग करने के लिए अभ्यास कर रही हैं उसके हिसाब से जिस तरह खाने में डाइट मिलनी चाहिए कभी-कभी वो नहीं मिल पाती।
ऐसे में कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता है मगर, वह अपने दृढ़ संकल्प और हौसले के बूते पर इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने देतीं। बताया कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर खेलने के पीछे उनके पिता और स्वयं उनका उद्देश्य देश का मान बढ़ाने के साथ ही स्पोर्ट्स कोटे से नौकरी पाना है। ताकि अच्छी नौकरी पाकर वह परिवार का नाम रोशन करने के साथ ही गरीबी को मिटा सकें।