उत्तराखंड पुलिस ने तीन सराफा कारोबारियों को हिरासत में लिया
सोमवार को उत्तराखंड पुलिस ने चोरी व लूट का माल खरीदने के मामले में कस्बा बहेड़ी में तीन सराफा कारोबारियों को पूछताछ के उठाया है। इससे सराफा दुकानदारों में खलबली मच गई। कुछ कारोबारी दुकान बंद कर खिसक लिए।
बरेली, जेएनएन : सोमवार को उत्तराखंड पुलिस ने चोरी व लूट का माल खरीदने के मामले में कस्बा बहेड़ी में तीन सराफा कारोबारियों को पूछताछ के उठाया है। इससे सराफा दुकानदारों में खलबली मच गई। कुछ कारोबारी दुकान बंद कर खिसक लिए।
कुछ दिन पूर्व पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के जिला ऊधमसिंह नगर में हत्या व चोरी की वारदात को बदमाशों ने अंजाम दिया था। मामले की विवेचना कर रही उत्तराखंड पुलिस को चोरी का सामान बहेड़ी में ठिकाने लगाने के सुराग मिले। इस पर उत्तराखंड पुलिस सोमवार को थाना पुलिस के साथ माथुर रोड से तीन सराफा कारोबारियों को पूछताछ के लिए उठाकर अपने साथ ले गई। ऊधमसिंह नगर के एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने बताया कि हत्या के मामले में कार्रवाई की गई है, किस थाने की पुलिस ने कार्रवाई की, यह नहीं बताया।
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वर्जन
उत्तराखंड पुलिस आई थी। उसने फोर्स की डिमांड की थी। कार्रवाई किस संबंध में की गई, इस बारे में गोपनीयता की वजह से उसने बहेड़ी पुलिस को डिटेल नहीं दी।
सत्यनारायन प्रजापत, आइपीएस ट्रेनी थाना प्रभारी बहेड़ी ।
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डॉक्टर के खाते से ठग ने उड़ाए 25 हजार रुपये
बरेली, जेएनएन : बारादरी के पीलीभीत बाइपास स्थित चंद्रगुप्त कॉलोनी निवासी डा. हरिप्रसाद पेशे से चिकित्सक हैं। उनका खाता बीसलपुर चौराहे के पास एक बैंक में है। उनके भाई अमन मौर्य बीफार्मा की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने छोटे भाई को फीस के रुपये निकालने के लिए रविवार को अपना एटीएम कार्ड दिया। अमन डोहरा रोड स्थित एक एटीएम में पहुंचे और 30 हजार रुपये निकालने लगे। किसी कारण से रुपये नहीं निकले पर मोबाइल पर खाते से रकम निकलने का मैसेज आ गया। इसके बाद भाई दूसरे एटीएम में गए तो कार्ड लगाने पर गलत पासवर्ड बताने लगा। एटीएम में मौजूद गार्ड से पूछा तो गार्ड ने वहा पहले से मौजूद एक व्यक्ति को बैंक का कैशियर बताकर एटीएम कार्ड दिखाने को कहा। कथित कैशियर ने नेटवर्क की समस्या बताते हुए कुछ समय बाद पैसे निकालने को कहा तो अमन घर लौट आया। सोमवार सुबह डॉक्टर के खाते से तीन बार में 25 हजार रुपये निकल गए। मोबाइल पर मैसेज आने के बाद उन्हें पता चला। तब वह बैंक पहुंचे और खाता ब्लॉक कराने के लिए साथ ही एटीएम ब्लॉक कराने के बाद मामले की शिकायत पुलिस से की। जिसके बाद मामला साइबर सेल को सौंपा गया।