बरेली में नवाबगंज से भाजपा के पूर्व विधायक की पत्नी ऊषा को कांग्रेस का टिकट
बरेली के नवाबगंज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस नेई आईं ऊषा गंगवार को टिकट दे दिया। वह भाजपा के पूर्व विधायक केसर सिंह की पत्नी हैं। दो दिन पूर्व ही उन्होंने भाजपा छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी।

जासं, बरेली: कांग्रेस ने नवाबगंज विधानसभा क्षेत्र से आखिरकार अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की जगह पार्टी में नई आईं ऊषा गंगवार को टिकट दे दिया। वह भाजपा के पूर्व विधायक केसर सिंह की पत्नी हैं। दो दिन पूर्व ही उन्होंने भाजपा छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी। दूसरे दलों के लोगों को प्रवेश व टिकट दिए जाने से पार्टी में बगावत होने लगी है।
भाजपा की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं ऊषा गंगवार ने बेटे व पूर्व ब्लाक प्रमुख धर्मेंद्र सिंह के साथ सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस की सदस्यता ली थी। उनका परिवार राजनैतिक परिवार है। ऊषा गंगवार का कहना था कि विधायक केसर सिंह की कोरोना से मौत होने के बाद भाजपा ने कोई संज्ञान नहीं लिया। परिवार के किसी भी सदस्य को टिकट नहीं दिया, क्या केसर सिंह का योगदान इस तरह भुलाया जा सकता है। पार्टी के लोगों से संपर्क करने पर मेरी भी उपेक्षा की गई। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी व उनके नारे लड़की हूं लड़ सकती हूं से प्रेरित होकर कांग्रेस की सदस्यता मैंने ली थी। जिलाध्यक्ष मिर्जा अशफाक सकलैनी ने उनको टिकट देने का स्वागत किया है। कहा कि प्रदेश राजनीति में बड़ा बदलाव होगा। कांग्रेस ने जिस तरह महिला शक्ति को मजबूत किया है, वह ऐतिहासिक है। वह चुनाव में जीत हासिल करेंगी।
२०१२ में विधानसभा चुनाव लड़ चुकीं
बसपा से २०१२ में विधानसभा का चुनाव ऊषा गंगवार लड़ चुकीं है। वह नवाबगंज में भाजपा की टिकट पर चुनाव जीते केसर दूसरी पत्नी थीं। केसर सिंह के साथ ही बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुई थीं। बता दें कि ऊषा गंगवार की विधायक केसर सिंह छोटे भाई वीरेंद्र सिंह से शादी हुई थी लेकिन बाद में उनकी मौत हो गई। इसके बाद वह केसर सिंह के साथ ही रहती थीं। वीरेंद्र पुलिस में सिपाही थे, जिनकी गांव में ही हत्या कर दी गई थी। ऊषा का कहना था कि उसके बाद केसर सिंह के साथ बतौर पत्नी रह रही थीं। कांग्रेस में ऊषा को टिकट से दूसरे दावेदारों का गणित खराब हो गया है। वहीं बिथरी चैनपुर, नवाबगंज, बरेली शहर, भोजीपुरा, फरीदपुर सीट से गुस्साएं पार्टी के दावेदार मंगलवार को दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय पहुंच गए और व प्रियंका वाड्रा से मुलाकात करने की कोशिश की। मुलाकात नहीं हो पाने पर सभी धरने पर बैठ गए। यह धरना दो दिन तक चला।
Edited By Ravi Mishra