बरेली में एबीवीपी कार्यकर्ता के भाई की हत्या पर हंगामा, तीन घंटे श्मशान घाट पर रखा रहा शव
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कार्यकर्ता के भाई की हत्या के मामले में पुलिस पर सवाल खड़े कर भीड़ ने हंगामा कर दिया। एबीवीपी भाजपा नेता चौकी इंचार्ज व इंस्पेक्टर पर कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े रहे। आश्वासन मिला तब तीन घंटे बाद अंतिम संस्कार किया गया।
बरेली, जेएनएन : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कार्यकर्ता के भाई की हत्या के मामले में पुलिस पर सवाल खड़े कर भीड़ ने हंगामा कर दिया। एबीवीपी, भाजपा नेता चौकी इंचार्ज व इंस्पेक्टर पर कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े रहे। आश्वासन मिला, तब तीन घंटे बाद अंतिम संस्कार किया गया। प्रकरण में लापरवाही बरतने पर कांकरटोला चौकी इंचार्ज अजय यादव को चौकी से हटाकर पुलिस लाइंस भेज दिया गया है।
रोहली टोला निवासी कमल गुप्ता एबीवीपी के सदर तहसील संयोजक हैं। पांच नवंबर को वह जिला अस्पताल में परिचित को खाना देने जा रहे थे। रास्ते में बाइक के नीचे पटाखा दगा, जिससे वह व उनका दोस्त गिर गए। शिकायत करने पर वहां मौजूद अजय गुप्ता उर्फ शैंकी के पिता विजय गुप्ता ने अभद्रता की। आरोप है कि अगले दिन शैंकी व मुकेश गुप्ता कई लोगों के साथ कमल के घर में घुस आया। कमल, राजेश गुप्ता, उनकी पत्नी भाजपा के दीनदयाल उपाध्याय नगर मंडल उपाध्यक्ष अंजू गुप्ता को पीटकर घायल कर दिया। लूटपाट की। अंजू की तहरीर पर पुलिस ने शैंकी, उसके पिता विजय गुप्ता, मुकेश गुप्ता, बाबू गुप्ता, संजीव गुप्ता उर्फ बब्लू, संतोष गुप्ता व अन्य के खिलाफ मारपीट, लूट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
पुलिस पर आरोप, साठगांठ के कारण बढ़ा आरोपितों का दुस्साहस
कमल का कहना है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपित समझौते का दबाव बनाने लगे। दूसरी ओर पुलिस ने साठगांठ कर जांच में लूट की धारा हटा दी। किसी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं की, जिससे उनकी हिम्मत बढ़ गई।
कमल ने बताया कि रविवार की रात को उनके भाई योगेश घर के बाहर खड़े थे। उसी समय शैंकी, मुकेश आदि आए और योगेश को गोली मारकर फरार हो गए। उनका कहना है आरोपित उन्हें मारने आए थे, मगर सामने भाई के दिखने पर उन्हें ही गोली मार दी। घटना के बाद योगेश को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जबकि शैंकी और मुकेश पर हत्या के प्रयास में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस बीच मंगलवार देर रात योगेश की इलाज के दौरान मौत हो गई। शैंकी को सोमवार को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि मुकेश फरार है। मुकदमा हत्या में तरमीम कर लिया गया है।
कमल का कहना है कि यदि पुलिस छह नवंबर को ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लेती तो उनके भाई की जान बच जाती। आरोपित खुलेआम घूमते रहे। दीपावली मनाई और अगले दिन गोलीकांड कर दिया।
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भाजपाइयों ने घेरा तो एसपी ने समझाया
बुधवार दोपहर को जब शव अंतिम संस्कार के लिए संजयनगर श्मशान भूमि ले जाया गया तो वहां भाजपा जिलाध्यक्ष पवन शर्मा समेत पार्टी के कई नेता, एबीवीपी पदाधिकारी पहुंच गए। पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए हंगामा किया। जानकारी पर एसपी रविंद्र कुमार कोतवाली पुलिस के साथ वहां पहुंचे। नेताओं का कहना था कि चौकी इंचार्ज व इंस्पेक्टर पर कार्रवाई की जाए। उस वक्त चर्चा हुई कि चौकी इंचार्ज को सस्पेंड और इंस्पेक्टर बारादरी शितांशु शर्मा को लाइन हाजिर कर दिया गया है। इसी आश्वासन पर हंगामा कर रहे लोग शांत हो गए। इस दौरान ब्रज क्षेत्र मंत्री उमेश कठेरिया, यतिन भाटिया, हर्षवर्धन आर्य, डॉ. अनिल शर्मा समेत तमाम लोग मौजूद रहे।
हालांकि बाद में बताया गया कि चौकी इंचार्ज को हटाकर पुलिस लाइंस भेजा गया। इंस्पेक्टर शितांशु शर्मा कोरोना पॉजिटिव होने के कारण दस नवंबर से छुट्टी हैं।