बरेली के व्यापारी बोले- अफसरशाही-महंगाई रोज के मुद्दे, राष्ट्रवाद पर हो नई सरकार
UP Vidhansabha Chunav 2022 बरेली के व्यापारी समाजवाद और देश की रक्षा के मुद्दों पर नई सरकार चाहते है।वह राष्ट्रवाद पर मतदान करेंगे। व्यापारियों के अनुसार अफसरशाही- महंगाई पुराने मुद्दे हो गए है। उन्होंने कड़ी आलोचना के साथ सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई।
बरेली, जेएनएन। UP Vidhansabha Chunav 2022 : लोकतंत्र के महापर्व में मत की आहुति से सिद्ध होने वाले जनप्रतिनिधि से हमारी सबकी अपेक्षाएं होती हैं, क्योंकि मतदान की जिम्मेदारी हम निभाते हैं। व्यापारियों की समस्याएं क्या हैं, आखिर उनके निस्तारित ना होने का जिम्मेदार कौन, उम्मीदें क्या, उनको पूरा कैसे किया जाए ? इन सब सवालों के साथ आगामी चुनाव में व्यापारी वर्ग वोट किन मुद्दों पर करेगा, इसके लिए आयोजित जागरण चर्चा कार्यक्रम में व्यापारियों ने अपने मन की बात साझा की। निष्कर्ष यह रहा कि सरकार का चयन राष्ट्रवाद, समाजवाद और देश की सुरक्षा के मुद्दों पर होगा। व्यापारियों ने काम ना होने पर सरकार की कड़ी आलोचना की तो कोरोना काल में वैक्सीनेशन और तैयारियों को बड़ी उपलब्धि बताया।
ट्रांसपोर्ट व्यापारी अमरजीत सिंह बख्शी ने कहा देश की सीमाएं सुरक्षित हों, हमें यह सोचकर वोट करना होगा। देश को मजबूत करने वाली सरकार को वोट करें। वरिष्ठ व्यापारी नेता शिरीष गुप्ता ने कहा कि वृद्धजनों के लिए भी पालिसी लाई जाए, जिससे कि जिंदगी भर टैक्स जमा करने वाले व्यापारी को बुढ़ापे में दूसरे को ताकना ना पड़े। जनप्रतिनिधि जाति देखकर नहीं राष्ट्र नायक के रूप चुनना चाहिए। कैमिस्ट एसोसिएशन के विजय मूलचंदानी का कहना है कि राष्ट्र की सुरक्षा वाली निष्ठावान सरकार चुनें, निजी स्वार्थ सिद्ध करने वाली नहीं। बैंक्वेट हाल एसोसिएशन से गोपेश अग्रवाल ने कहा कि कोरोना काल में सबसे ज्यादा काम बैंक्वेट हाल के व्यापारियों का खत्म हुआ।
बैंक्वेट हाल में क्षमता के अनुरूप लोगों के रहने के आदेश जारी किए जाएं। महानगर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप अग्रवाल ने कहा कि हालमार्क का कानून लाना ठीक है, लेकिन इस प्रक्रिया में आने वाली व्यावहारिक दिक्कतें खत्म करें और चुनाव समाप्त होने तक का समय जरूर दें। राष्ट्र व्यापार मंडल के अध्यक्ष विशाल मेहरोत्रा ने बताया कि सराफा व्यापारियों की सहूलियत के लिए बैंकिंग के लाइसेंस फिर से बनाए जाएं। जुगल सुखानी ने कहा कि चुनावी घोषणा पत्र में जो घोषणाएं होती हैं, उनकी मार व्यापारी पर ही पड़ती है। मुकेश चंद्र अग्रवाल ने कहा कि साहूकारी अधिनियम की फीस वसूली में संशोधन करना चाहिए।
सरकार में हावी रही अफसरशाही, समस्याएं रही तमाम
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष राजेंद्र गुप्ता ने कहा कि इस सरकार में मंत्रीमंडल को दरकिनार करके अफसर शाही हावी रही। वर्ष 2017 में हुई समिट में जो घोषणाएं हुई थीं, लेकिन उनका क्रियान्वयन कैसे होना है, यह प्रारूप तय नहीं हो सका। शहर का विकास अनियोजित नहीं सुनियोजित तरीके से किया जाना चाहिए था। सरकार का चयन व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए।
महानगर महामंत्री राजेश जसोरिया ने कहा कि सरकार को जो हम कर चुकाते हैं, वो पेंशन के रूप में मिलना चाहिए। जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा और व्यापार में घाटा होने पर प्रतिपूर्ति की योजना बनाई जानी चाहिए। मंडल अध्यक्ष राजीव बूबना ने बताया कि उद्यम लगने से पहले तमाम विभागों की बाधाएं हैं। इन सभी की सिंगल विंडो बनाकर काम निपटाया जाना चाहिए। प्रतीक बूबना ने कहा कि व्यापारियों को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं के बीच आने वाली तमाम बाधाओं को दूर करने वाले उपाय करने वालों पर विशेष ध्यान देने के जरूरत है।
आनलाइन व्यापार और डीजल पेट्रोल पर लगे अंकुश
फर्नीचर व्यापारी नीरव अग्रवाल ने बताया कि हमारे उत्पाद लागत ज्यादा होने से आनलाइन व्यापार से बराबरी नहीं कर पाते हैं। ऐसे में आनलाइन व्यापार पर सरकार को अंकुश लगाने की जरूरत है। ट्रांसपोर्टर दानिश जमाल ने कहा कि डीजल और पेट्रोल और टोल की दर कम करने वाली सरकार व्यापारी हितकारी साबित होगी। उ.प्र. उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के महानगर महामंत्री प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि पेट्रोल डीजल जीएसटी के दायरे में हो, जिससे राहत मिल सके। कोरोना काल में सरकार का मुफ्त वैक्सीनेशन और राशन दोनों ही कार्य सराहनीय हैं।
उद्योगों को बढ़ावा देने को लाइसेंस प्रक्रिया का हो सरलीकरण
उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल के महानगर कोषाध्यक्ष संजीव चांदना का कहना है कि व्यापारियों के लाइसेंस प्रक्रिया को सरलीकरण करके आजीवन बनाया जाए। इसके लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया जाए। युवा व्यापारी हर्षवर्धन ने कहा कि शहरी क्षेत्र के निर्माण कार्य समय से पूरा करें। व्यापारी दर्शन लाल भाटिया ने कहा कि प्रदेश में उद्योग बढ़ेंगे तो रोजगार बढ़ेगा। राशन बांटने के बजाय उद्योग लगाने पर फोकस होना चाहिए।
बिजली दरों में आए समानता, मंडी शुल्क बंद किया जाए
उद्योग व्यापार मंडल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनमोहन सब्बरवाल का कहना है कि व्यापारियों की बिजली की तीन दरों का भुगतान करना होता है। इसके साथ ही इलेक्ट्रिक ड्यूटी अलग ली जाती है। इस दोहरेपन को दूर किया जाना चाहिए। कन्फेक्शनरी व्यापारी श्याम मिठवानी का कहना है कि मेड इन इंडिया केवल कहा ना जाए, बल्कि उस पर जोर दिया जाए। बरेली किराना व्यापारी एसोसिएशन के गुलशन सब्बरवाल ने बताया कि मंडी समिति के बाहर किराना, मेंथा, लकड़ी आदि के व्यापारियों से वसूला जाने वाला मंडी शुल्क बंद किया जाए।