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UP Police : बरेली में डाका डलने पर पुलिस बताती है चोरी में रिपोर्ट दर्ज कराने के फायदे, जानिए क्यों

Bareilly Police News यूपी के बरेली में अगर आ डाका डालने के शिकायत पुलिस से करते है तो यहां कि पुलिस आपको चोरी में रिपोर्ट दर्ज कराने के फायदे बताएगी। इसके साथ ही रिपोर्ट भी अपनी मर्जी के अनुसार ही दर्ज करेगी।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 01:42 PM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 01:42 PM (IST)
UP Police : बरेली में डाका डलने पर पुलिस बताती है चोरी में रिपोर्ट दर्ज कराने के फायदे, जानिए क्यों
UP Police : बरेली में डाका डलने पर पुलिस बताती है चोरी में रिपोर्ट दर्ज कराने के फायदे, जानिए क्यों

बरेली, जेएनएन। Bareilly Police News : यूपी के बरेली में अगर आ डाका डालने के शिकायत पुलिस से करते है तो यहां कि पुलिस आपको चोरी में रिपोर्ट दर्ज कराने के फायदे बताएगी। इसके साथ ही रिपोर्ट भी अपनी मर्जी के अनुसार ही दर्ज करेगी। शायद आपको सुनने में यह अजीब लगे। लेकिन यह सच है। इसकी एक मिसाल इलैक्ट्रीशियन के घर नकाबपोश बदमाशों ने तमंचे के दम पर डकैती डाली। जिसके बाद जब पीड़ित मामले में पुलिस के पास अपनी शिकायत दर्ज कराने पहुंचा तो उसे पुलिस ने चोरी में रिपोर्ट दर्ज कराने के फायदे समझाए।

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इसके बाद मामले की रिपोर्ट भी अपने मनमाफिक दर्ज कर ली। जब उसके द्वारा दी गई शिकायत में डकैती शब्द का जिक्र न होने की बात उसने पुलिस कर्मियों से कही तो वह पुलिस के तेवर और उनका जवाब सुनकर खामोश रह गया।गौरतलब है कि इलैक्ट्रीशियन के घर पर करीब नौ नकाबपोश बदमाशों ने तमंचे की दम पर डकैती की वारदात को अंजाम दिया और लाखों केे जेवरात नकदी लेकर फरार हो गए।

बदहवास अरविंद से पुलिस ने लिखवाई मनमर्जी की तहरीर

वारदात से बदहवास अरविंद से पुलिस ने मनमर्जी की तहरीर लिखवाई। पुलिस ने जब केवल गायब माल की बात लिखाई तो अरविंद ने सवाल किये। कहा कि साहब हमारे साथ जो पूरी वारदात हुई वह तो लिख लें। इस पर पुलिसकर्मी ने कहा कि जितना कह रहे हैं, उतना ही लिखो। उसमें तुम्हारा ही फायदा है। अरविंद ने कहा कि उस वक्त उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था।बाद में पता चला कि पुलिस ने खेल कर दिया। हालांकि बाद में उन्होंने पुलिस को डकैती की दूसरी तहरीर दी।

क्षेत्रीय भाषा में बात कर रहे थे काली जैकेट और लोवर पहने बदमाश

अरविंद ने बताया कि सारे बदमाश काली जैकेट व लोवर पहने हुए थे। सभी क्षेत्रीय भाषा ही बोल रहे थे। ऐसे में अंदेशा है कि बदमाशों ने पहले ही अरविंद की घर की पूरी रेकी कर रखी थी जिसके बाद तय रणनीति के तहत वारदात को अंजाम दिया गया।

पीड़ित बोले- पिता की दसवां-तेरहवीं अभी बाकी, लुट गया घर ?

28 नवंबर को अरविंद के पिता की मौत हुई थी। उनके पिता का दसवां व तेरहवीं संस्कार भी नहीं हुआ था। इधर बदमाशों ने पूरे घर साफ कर दिया। यहां तक की जेब व पर्स में रखे रुपये तक निकाल लिये। बच्चों की गुल्लक तक के रुपये लूट लिये। लिहाजा, एक तरफ पिता की मौत का मातम तो दूसरी तरफ बदमाशों के तांडव से पूरा परिवार सदमे में है। डकैत एक तोला झुमकी, सोने की मंगलसूत्र, सोने के दो जोड़ी कुंडल, तीन जोड़ी पायल, एक चैन सोने की और दो पैंडल सोने के डकैत ले गए इसके अलावा 20 हजार की नकदी भी ले गए।


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