UP Police : Twitter पर बदली घटना, बंद कमरे में दिए 25 हजार, बोली, अब भूल जाओ लूट Bareilly News
क्राइम कंट्रोल की खातिर मुकदमों में कलम की कलाकारी करने वाली पुलिस ने अब नया तरीका निकाला है। बंद कमरे में पीडि़तों से इस तरीके बात की जा रही कि सबकुछ पुलिस के मुफीद हो जाए।
जेएनएन, बरेली : क्राइम कंट्रोल की खातिर मुकदमों में कलम की कलाकारी करने वाली पुलिस ने अब नया तरीका निकाला है। बंद कमरे में पीडि़तों से इस तरीके बात की जा रही कि सबकुछ पुलिस के मुफीद हो जाए। पहले शीशगढ़ में पराली जलाने वाले में मामले में ऐसा हुआ, अब यही कारनामा फरीदपुर थाने की पुलिस ने किया। शीशगढ़ में तो पीडि़त छात्र मुंह बंद कर बैठ गया मगर, फरीदपुर थाने के बंद कमरे से बाहर निकले लूटकांड के पीडि़त ऐसा खुलकर बोले कि पुलिस की कारगुजारी बेपर्दा हो गई। एसएसआइ ने उन्हें हिदायत दी कि लूट की बात भूल जाओ। जो रकम गई है उसके बदले अपने पास से 25 हजार रुपये हाथ में थमाकर कह दिया कि अब मारपीट की तहरीर लेकर आना।
मारपीट में बदली लूट की घटना
शनिवार को धान बेचकर आ रहे फतेहगंज पूर्वी के गांव सिमरा हरिचरन निवासी आशू पुत्र छत्रपाल, पातीराम पुत्र हरपाल व सर्वेश पुत्र चिरौंजी लाल को राष्ट्रीय राजमार्ग पर फ्यूचर कॉलेज के पास कार सवार साधु वेश में आए बदमाशों ने लूट लिया था। इस मामले में शुरुआती जांच में लूट की घटना स्पष्ट हो गई थी। लेकिन शाम होते होते पुलिस इसमें खेल करने में जुट गई। फरीदपुर थाने में तैनात एसएसआइ रविकरन ने तीनों पीडि़तों को बुलाया। बंद कमरे में काफी देर तक बातचीत की। इसके बाद उन्होंने इस लूट की घटना को मारपीट बताना शुरू कर दिया। उच्चाधिकारियों को भी यह बताया गया कि पीडि़तों ने लूट की घटना इन्कार कर मारपीट की घटना बताई है।
एसएसआ कहां से लाए 25 हजार
एसएसआइ रवि किरन चाहते थे कि उनकी बताई कहानी ही पीडि़त दोहराएं मगर उन्हें यह मंजूर नहीं हुआ। रविवार शाम को पीडि़त मीडिया के सामने आ गए। कहा कि बंद कमरे में एसएसआइ ने उन पर दबाव बनाया। पहले कहा कि लूट तो हुई ही नहीं है, तुम लोग झूठ बोल रहे हो। तीनों अपनी बात पर डटे रहे तो कहा कि मान लो लूट हुई भी तो अब रकम तो मिलने से रही। एक काम किया जा सकता है। मैं रुपये दे रहा हूं, आपस में बांट लो और तहरीर मारपीट की लेकर आओ। पीडि़त पातीराम, आशू, सर्वेश ने कहना है कि इसके बाद एसएसआइ रविकिरन ने उन्हें 25 हजार रुपये दिए। जबकि लूट 51 हजार की हुई थी। सवाल उठता है कि एसएसआइ के पास पीडि़तों को देने के लिए 25 हजार रुपये कहां से आए। लूट का मुकदमा दर्ज करने में ऐसी क्या मुश्किल आ रही थी कि अपने पास से 25 हजार रुपये दे दिए।
मिला लूटा गया 2000 का नोट
पीडि़त आशू ने बताया कि एसएसआइ ने जो रुपये दिए, उनमें दो हजार का वो नोट भी शामिल था, जोकि बदमाशों ने लूटा था। उनके इस दावे पर सवाल खड़े रहे कि एसएसआइ क्यों मुकदमा दर्ज नहीं करना चाह रहे, क्यों 25 हजार रुपये पीडि़तों को दे दिए।
एक दूसरे पर टाल रहे Inspector
पीडि़तों के दावे के बाद जब इंस्पेक्टर फरीदपुर धनंजय सिंह और एसएसआइ रविकरन से बात की गई तो दोनों एक दूसरे पर बात टालते रहे, किसी ने भी मामले पर ठीक से जवाब नहीं दिया। बड़ी बात यह कि रविवार देर शाम तक इस मामले में कोई रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की गई।
फतेहगंज पूर्वी में रहे हो तुम संभालो
एसएसआइ को यह मामला निपटाने को इसलिए भी दिया गया क्योंकि वह फतेहगंज पूर्वी में रहे हैं। पीडि़त भी उसी क्षेत्र के निवासी हैं। उनकी जान पहचान को देखते हुए मामला निपटाने की जिम्मेदारी दी गई।
Twitter पर दी मारपीट की जानकारी
लूट की घटना की जानकारी शनिवार से ही ट्विटर पर भी चल रही थी। बरेली पुलिस के ट्विटर हैंडल से पहले मामले में फरीदपुर पुलिस की ओर से जांच किए जाने की बात कही गई। लेकिन रविवार को वारदात ही झुठला दी गई। फरीदपुर पुलिस ने अपनी तय स्क्रिप्ट के अनुसार लिख दिया कि लूट नहीं, मारपीट हुई है।
देर शाम पीडि़तों के घर पहुंची Police
देर शाम पीडि़तों के इस दावे और खुलासे की जानकारी थाना पुलिस को हुई तो उनके घर पहुंच गई। हालांकि कोई भी पीडि़त पुलिस वालों को नहीं मिला। वे घर से गायब हैं। डर है कि सच्चाई बताने के कारण पुलिस वाले उन्हें किसी मामले में फंसा सकते हैं।
मामले की जांच की जा रही थी। अगर पुलिस ने पीडि़तों को रुपये दिए हैं, तो वह वापस कराए जाएंगे। लूट का मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। - संसार सिंह, एसपी ग्रामीण