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पंचायत चुनाव के लिए सपा की जारी प्रत्याशियों की सूची से पूर्व विधायक संतुष्ट नहीं, प्रदेश अध्यक्ष से की शिकायत कहा पदाधिकारियों ने खुद ही तय कर लिए प्रत्याशी

समाजवादी पार्टी की पंचायत चुनाव को लेकर जारी की गई प्रत्याशियों की सूची से पार्टी के पूर्व विधायक संतुष्ट नहीं हैं। पूर्व मंत्री शहजिल इस्लाम ने प्रदेश अध्यक्ष से मामले की शिकायत की है। उनका आरोप है कि पदाधिकारियों ने खुद ही प्रत्याशी तय कर लिए।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 08:23 AM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 08:23 AM (IST)
पंचायत चुनाव के लिए सपा की जारी प्रत्याशियों की सूची से पूर्व विधायक संतुष्ट नहीं, प्रदेश अध्यक्ष से की शिकायत कहा पदाधिकारियों ने खुद ही तय कर लिए प्रत्याशी
सपा के पूर्व मंत्री शहजिल इस्लाम का आरोप, दो से अधिक दावेदारों के होने पर भी बना दिया प्रत्याशी।

बरेली, जेएनएन। समाजवादी पार्टी की पंचायत चुनाव को लेकर जारी की गई प्रत्याशियों की सूची से पार्टी के पूर्व विधायक संतुष्ट नहीं हैं। पूर्व मंत्री शहजिल इस्लाम ने प्रदेश अध्यक्ष से मामले की शिकायत की है। उनका आरोप है कि पदाधिकारियों ने खुद ही प्रत्याशी तय कर लिए। पूर्व विधायकों के साथ बैठक नहीं की, उनसे सहमति भी नहीं ली गई।

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पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य के लिए सपा ने जिले की साठ सीटों में से 55 पर प्रत्याशी उतारे हैं। पांच सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं की है। कई ऐसे वार्ड हैं जहां पार्टी ने प्रत्याशी घोषित किए हैं, लेकिन वहां बड़े नेता किसी अन्य को चुनाव लड़वा रहे हैं। इसकी मुख्य वजह पदाधिकारियों की ओर से जारी प्रत्याशियों की सूची मानी जा रही है। तमाम पूर्व विधायकों ने सीधे आरोप भी लगाए हैं। पूर्व मंत्री शहजिल इस्लाम का कहना है कि पदाधिकारियों ने खुद ही प्रत्याशी तय कर लिए। किसी भी पूर्व विधायक से सहमति नहीं ली। ऐसे लोगों को भी टिकट दे दिया जो कुछ समय पहले दूसरी पार्टी छोड़कर आए हैं। पुराने कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया गया। वार्ड 28 में चार साल से प्रचार कर रहे शफीक की पत्नी शबाना को टिकट नहीं दिया। कुछ दिन पहले बसपा से आए कफील की पत्नी परवीन को टिकट दे दिया गया। उन्होंने बताया कि मामले की शिकायत प्रदेश अध्यक्ष से फोन पर कर दी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलकर उनके सामने मामला रखा जाएगा। पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार ने बताया कि प्रत्याशी बनाने के लिए कोई बैठक नहीं की गई। शीर्ष पदाधिकारियों की ओर से जिस वार्ड में दो या उससे अधिक प्रत्याशी होने पर उसे खाली छोड़ने के निर्देश थे। बावजूद इसके वहां भी पार्टी ने प्रत्याशी उतार दिए। इससे पुराने कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है।सपा जिलाध्यक्ष अगम मौर्य ने बताया कि प्रत्याशियों के नाम तय करने के लिए पूर्व विधायकों से उनके क्षेत्र के दावेदारों के नाम लिए गए थे। उसी के आधार पर प्रत्याशी बनाए गए। 


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