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UP Election 2022: जानिए यूपी की मिनी पंजाब सीट के बारे में, जिस पर भाजपा,सपा को लेकर उलझी बहस

UP Vidhan Sabha Chunav 2022 यूपी में शाहजहांपुर की विधानसभाओं में पुंवाया सीट काफी चर्चित है।इस सीट को यूपी में मिनी पंजाब के नाम से जाना जाता है।जहां के लोगों के बीच भाजपा और समाजवादी पार्टी को लेकर बहस चल रही है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 10:53 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 10:53 AM (IST)
UP Election 2022: जानिए यूपी की मिनी पंजाब सीट के बारे में, जिस पर भाजपा,सपा को लेकर उलझी बहस
UP Election 2022: जानिए यूपी की मिनी पंजाब सीट के बारें में, जिस पर भाजपा,सपा को लेकर उलझी बहस

बरेली, जेएनएन। UP Vidhan Sabha Chunav 2022 : मिनी पंजाब कहें या पुवायां.. बात एक ही है। गेहूं-धान की खेती हो या राजस्व अदायगी, तहसील की जगह प्रदेश में टाप टेन में रहती है। विधानसभा क्षेत्र में बहुलता रखने वाले सिखों से बात करेंगे तो नये विकल्प की तलाश करते दिखेंगे। बहुलता का दूसरा हिस्सा ब्राह्मण मतदाताओं का है जो परंपरागत राह पर है। अनुसूचित जाति के वोटर यहां एक तरफ चल दें तो राजनीतिक हवा दम रखते हैं। हमारी रुहेलखंड यात्रा का हमारा दूसरा पड़ाव यह विधानसभा क्षेत्र है। भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस ने यहां प्रत्याशी तय कर दिए हैं। मैदान में चारों दलों की चर्चा है मगर, चुनावी बहस का बड़ा हिस्सा भाजपा और सपा में उलझा हुआ है। हाथी व पंजा में भी जोर आजमाइश होती दिखेगी। क्षेत्र का मिजाज आपसे साझा कर रहे हैं शाहजहांपुर के जिला प्रभारी अंबुज मिश्र और खुटार प्रतिनिधि अमरदीप सिंह।

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तालाब बना, बेहतर रख रखाव की जरुरत 

पिछले दो दशक में पुवायां के लोगों की जीवनशैली तो तेजी से बदली, लेकिन यहां का विकास उतना तेज नहीं हुआ। अतिक्रमण, बेरोजगारी सहित कई पुराने मुद्दे अब भी हावी हैं। राजा मार्केट अब भी यहां की मुख्य बाजार है। इसी के पास बना हुआ है राजपरिवार का विशाल हररेराम तालाब। या फिर यूं कहें यहां का पिकनिक स्पाट। सर्दी अधिक होने के कारण इक्का दुक्का लोग ही नजर आ रहे थे। अपने मित्र अनुराग के साथ खड़े इंटर के छात्र विनय ने बताया कि तालाब में काफी मछली व कई कछुए हैं। रखरखाव बेहतर हो तो यहां अधिक लोग आएंगे।

बाजार में चहल पहल कम थी, लेकिन मनोज की दुकान पर हमेशा की तरह पनीर की पकौड़ी के इंतजार में ग्राहक खड़े थे। चुनाव में क्या चल रहा है, पूछते ही जठिया गांव के हरदेव सिंह बोले आएंगे अखिलेश। क्यों, सवाल पूरा होने से पहले मलकीत सिंह बोेले कि दिल्ली के बाहर साल भर किसान सड़क पर बैठे रहे, उसे भूल नहीं सकते। सपा का माहौल बन रहा है। गुरप्रीत सिंह भी सहमत थे। बताया कि कई सरकारें बदलीं, पर जठिया की सड़क अब तक नहीं बनी। हालांकि कई ग्राहक भाजपा के पक्ष में माहौल बता रहे थे।

शाहरूख बाेले- बंद हुई गुंडई, मिली निजात 

दुकान के बाहर आग जलाकर बैठे शाहरूख बोले कि भाजपा शासन में व्यापारियों को गुंडई से निजात मिली। काम बहुत अच्छे नही हुए तो सरकार बहुत खराब भी नहीं रही। सतवां निवासी सुरेंद्र बोले कोई काम नहीं हुआ। रात भर फसल की पशुओं से रखवाली करो। फिर सुबह दुकान संभालो। सपा को मौका देना चाहिए। मैकेनिक लियाकत बोले काम के नाम पर बयानबाजी ज्यादा हुई। जठियापुर गांव में खेत पर काम कर रहीं रामलली का कहना था कि योगी मुफत में गल्ला देई रहे, चना देई रहे तो वोट भी उनही को दीहीं। रामबेटी बोलीं पहले राशन भी नाय मिलत थो। अब ता गल्ला भी फ्री में बंट रहो। वोट भाजपा को ही देन चाही। वहां मौजूद की अन्य महिलाएं भी सहमत थीं।

बेसहारा पशुओं के सामने बेबस है लोग

यहां से आगे बढ़ने पर रास्ते में पुलिया बन रही थीं। सड़क निर्माण भी तेजी से हो रहा था, लेकिन बेसहारा पशुओं से लोग ज्यादा आजिज दिखे। पसियापुर में गुरुद्वारे के बाहर मौजूद लोगों ने कुछ ऐसा ही बताया। यहां एक सड़क पीलीभीत को जोड़ती है तो दूसरी निगोही को। तीसरी सिंधौली व चौथी पुवायां की ओर जाती है। धार्मिक आयोजन मे शामिल होने आए कुलवंत सिंह का कहना था कि भाजपा शासन में कोराेना से ज्यादा बेसहारा पशुओं ने परेशान किया। गोशाला नहीं बनी। पशु फसल नष्ट कर देते हैं। खेतों में खदेड़ने पर आपस में झगड़े तक होते हैं।

अजीत का कहना था कि अधिकारी सुनते नहीं। आम आदमी पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने परिवार के साथ भाजपा को वोट दिया था कि यहां परिवारवाद नहीं होगा, पर माफिया इसी सरकार में भी आ गए। अजय पाल बाेले धर्म को लेकर लोगों में आपस में कोई कटुता नहीं है। राजनीतिक दलों का बनाया खेल है। बेसहारा पशु सबसे बड़ी समस्या रहे। आए दिन हादसे होते हैं। बल्देव सिंह ने बताया कि अब काम हो रहा है, लेकिन बसखेड़ा तक एक किमी. सड़क नहीं बन सकी। सरकार ने निराश किया। भ्रष्टाचार रुका नहीं। हर काम में रेट बढ़ा दिए गए।

समस्याएं :

- खुटार मार्ग स्थित भैंसी नदी का पुल इस बार भी नहीं बन सका।

- कहमरिया में आइटीआइ का संचालन अब तक शुरू नहीं हो सका।

- मैलानी फर्रुखाबाद रेल लाइन का वादा अधूरा रहा, नया उद्योग भी नहीं लगा।

राहत :

- खुटार सीएचसी का नया भवन, पुवायां सीएचसी में निर्माणाधीन महिला अस्पताल।

- बंडा रोड पर ड्रगवेयर हाउस निर्माण, खुटार-बंडा व बंडा बिलसंडा रोड स्वीकृत।

- खुटार के लक्ष्मीपुर में आइटीआइ, रामपुर कलां में राजकीय इंटर कालेज बने।


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