बदायूं में टिकट की होड़ में उलझकर प्रचार में पिछड़ गए प्रत्याशी, अब स्टार प्रचारकों का लगा रहे सहारा
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 चुनाव की घोषणा तो आठ जनवरी को हो गई थी लेकिन टिकट को लेकर असमंजस की स्थिति होने के कारण प्रत्याशी पहले प्रचार अभियान में नहीं निकल पा रहे थे। बदायूं में सत्तारूढ़ पार्टी में भी टिकट के लिए ऊहापोह की स्थिति तो बनी रही।
बरेली, जेएनएन। नामांकन होने के बाद अब प्रत्याशियों का पूरा जोर प्रचार-प्रसार पर है। हालांकि, कोरोना महामारी के चलते चुनाव प्रचार पर लगी पाबंदी के चलते अभी तक प्रत्याशी खुलकर प्रचार नहीं कर पा रहे हैं। डोर-टू-डोर जनसंपर्क और मीटिंगों का दौर तो चल रहा है, लेकिन जनसभाएं नहीं हो पा रही हैं। इसलिए अब स्टार प्रचारकों की सभाएं लगवाकर अपने पक्ष में माहौल बनवाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। एक फरवरी से जनसभाओं को अनुमति मिलने की संभावना जताई जा रही है।
चुनाव की घोषणा तो आठ जनवरी को हो गई थी, लेकिन टिकट को लेकर असमंजस की स्थिति होने के कारण प्रत्याशी पहले प्रचार अभियान में नहीं निकल पा रहे थे। बदायूं में सत्तारूढ़ पार्टी में भी टिकट के लिए ऊहापोह की स्थिति तो बनी रही, लेकिन आखिर में सभी मौजूदा विधायकों को टिकट मिल चुका है। दो सीटों पर नए उम्मीदवारों को मौका मिला है। पहले से चुनाव मैदान में उतरे विधायकों ने तो सुदूर गांवों तक मतदाताओं से मिलने-मिलाने का दौर जारी रखा, लेकिन बाद में जिन्हें टिकट मिला है उनके सामने दिक्कत आ रही है। इस मामले में बसपा सबसे आगे रही है। कई सीटाें पर चुनाव की घोषणा से पहले ही प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया था। सबसे ज्यादा दिक्कत सपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों को होती दिख रही है। कई सीटों पर नामांकन के आखिरी दिन पत्ते खुल सके हैं। अब स्टार प्रचारकों के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने की जुगत भिड़ाई जा रही है। सभी प्रमुख दलों के स्टार प्रचारक घोषित हो चुके हैं। भाजपा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यक्रम 28 जनवरी को प्रस्तावित था, लेकिन अब फरवरी के पहले सप्ताह में उम्मीद की जा रही है। जिले के केंद्रीय राज्यमंत्री बीएल वर्मा की सक्रियता बढ़ गई है। अब सपा, बसपा और कांग्रेस भी स्टार प्रचारकों के कार्यक्रम लगवाने की जुगत में हैं।