UP Election 2022 : भाजपा से नहीं मिला डीपी यादव को टिकट, खोलेंगे पत्ते, बदलेगा सियासी समीकरण
UP Vidhansabha Chunav 2022 विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल समेत बसपा के प्रत्याशी मैदान में उतर चुके हैं। सपा की तस्वीर भी काफी हद तक साफ हो चुकी है लेकिन कुछ सीटों पर आपस में सहमति नहीं बन पा रही है।
बरेली, जेएनएन। UP Vidhansabha Chunav 2022 : विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल समेत बसपा के प्रत्याशी मैदान में उतर चुके हैं। सपा की तस्वीर भी काफी हद तक साफ हो चुकी है, लेकिन कुछ सीटों पर आपस में सहमति नहीं बन पा रही है। जिले की राजनीति में अपना अलग मुकाम रखने वाले राष्ट्रीय परिवर्तन दल के अध्यक्ष डीपी यादव की दुविधा भी खत्म हो चुकी है, लेकिन निर्णय लेने से पहले वह अपने रणनीतिकारों के साथ राय-मशवरा कर रहे हैं। माना जा रहा है कि सोमवार को वह अपने पत्ते खोल सकते हैं।
जिले में डीपी यादव की राजनीतिक सक्रियता 2007 में तब बढ़ी थी, जब उन्होंने अपनी पार्टी बनाकर खुद चुनाव मैदान में उतरे थे। उन्होंने दोनों सीटें जीत भी ली थीं। हालांकि बाद में वह बसपा में शामिल हो गए थे और 2009 के लोकसभा चुनाव में बदायूं से बसपा के टिकट पर भी चुनाव मैदान में उतरे थे, लेकिन सफल नहीं हो सके थे। इसके बाद वह कानूनी पचड़े में पड़ गए थे और एक मामले में उन्हें सजा भी हो गई थी। पिछले दिनों अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था।
उसके बाद फिर नए सिरे से राजनीतिक पारी खेलने के लिए उन्होंने बदायूं आकर समर्थकों से संपर्क शुरू कर दिया था। उनके परिवार से जुड़े अधिकांश लोग भाजपा में हैं, इसलिए वह भाजपा से जुड़कर राजनीतिक सफर आगे बढ़ाना चाह रहे थे। कुछ बड़े नेताओं से उनकी बात भी हो गई थी, लेकिन टिकट वितरण में स्थिति साफ हो गई है कि उनके प्रस्ताव को भाजपा ने स्वीकार नहीं किया। भाजपा का टिकट घोषित होने के बाद से ही उन्होंने अपने रणनीतिकारों के साथ बैठकों का दौर शुरू कर दिया है। हालांकि अभी कोई निर्णय नहीं ले सके हैं। उनके करीबियों का कहना है कि सोमवार तक स्थिति साफ हो सकती है।
सहसवान में अभी तक त्रिकोणीय संघर्ष
सहसवान सीट पर भाजपा से डीके भारद्वाज और बसपा से पूर्व विधायक मुसर्रत अली बिट्टन का टिकट घोषित हो चुका है। सपा से यहां विधायक ओमकार सिंह के पुत्र बृजेश यादव का टिकट तय माना जा रहा है। हालांकि कांग्रेस ने अभी तक यहां अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। अब तक तो त्रिकोणीय संघर्ष के हालात दिखाई दे रहे हैं, लेकिन अगर डीपी यादव यहां मैदान में उतरते हैं तो लड़ाई रोचक हो जाएगी।