UP Election 2022 : अधिवक्ताओं के मुद्दे पर यूपी बार काउंसिल ने सियासी पार्टियों से मांगा जवाब, बोला स्पष्ट करे रुख
UP Vidhansabha Election 2022 विधानसभा चुनाव के मौके पर उत्तर प्रदेश बार कौंसिल ने अधिवक्ताओं के मुद्दे पर सियासी पार्टियों से अपना रुख साफ करने को कहा है। उत्तर प्रदेश बार कौंसिल इलाहाबाद के चेयरमैन ने कहा कि निवर्तमान सरकार से कोरोना काल में अधिवक्ताओं का सहयोग नहीं मिला।
बरेली, जेएनएन। UP Vidhansabha Election 2022 : विधानसभा चुनाव 2022 Assembly Election 2022 के मौके पर उत्तर प्रदेश बार कौंसिल UP Bar Council ने अधिवक्ताओं के मुद्दे पर सियासी पार्टियों से अपना रुख साफ करने को कहा है। उत्तर प्रदेश बार कौंसिल इलाहाबाद UP Bar Council Allahabad के चेयरमैन श्रीश मेहरोत्रा ने कहा कि निवर्तमान सरकार से कोरोना काल में अधिवक्ताओं को अपेक्षित सहयोग नहीं मिला। अधिवक्ताओं को मौलिक सुविधाओं से भी वंचित रखा गया। उन्होंने सभी सियासी पार्टियों को अधिवक्ताओं के बारे में विचार करने का आह्वान किया है।
यूपी में चार लाख अधिवक्ता लड़ते है इंसाफ की लड़ाई
उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में चार लाख अधिवक्ता जनता के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ते हैं। इसके बावजूद खुद उन्हीं को नजरंदाज किया गया। उन्होंने सभी सियासी पार्टियों से अपने चुनावी घोषणा पत्र में अधिवक्ताओं के लिए कल्याणकारी कदम उठाने का आश्वासन मांगा है। श्रीश मेहरोत्रा ने कहा कि नए अधिवक्ताओं के लिए तीन साल तक 10,000 प्रतिमाह दिए जाएं। कोरोना संक्रमण से मृत्यु पर परिजन को 10 लाख एकमुश्त मिलने चाहिए।
25 हजार रुपए प्रतिमाह जीवन यापन देने की मांग
40 साल की वकालत पूरी कर चुके वकीलों को 25 हजार हर माह जीवन यापन के लिए दिए जाने की व्यवस्था होना चाहिए। सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की तरह वकीलों को भी आयोग, अधिकरण में नियोजित किया जाए। प्रदेश, जिला व तहसील मुख्यालयों में अधिवक्ताओं को भूखंड आवंटित किए जाएं। उन्होंने यह भी मांग उठाई कि नए अधिवक्ताओं को लैपटाप, वाहन, आवास खरीदने के लिए ब्याज रहित ऋण उपलब्ध कराया जाए।
इसके साथ ही अधिवक्ता सुरक्षा कानून लागू करने की भी बार कौंसिल उत्तर प्रदेश के चेयरमैन ने मांग उठाई है। यह जानकारी उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के चेयरमैन श्रीश कुमार मेहरोत्रा ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से दी।