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UP Election 2022 : बदायूं सांसद डा संघमित्रा का बड़ा बयान, मोदी जी ने मुझे गोद लिया है, कहीं नहीं जाऊंगी

UP Election 2022 स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा छोड़कर सपा में जाने के बाद उनकी बेटी सांसद डा.संघमित्रा को लेकर भी अटकलें लगाई जाने लगी थीं। उन्होंने भाजपा में बने रहने की बात तो पहले ही कह दी थी।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 05:57 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 08:15 AM (IST)
UP Election 2022 : बदायूं सांसद डा संघमित्रा का बड़ा बयान, मोदी जी ने मुझे गोद लिया है, कहीं नहीं जाऊंगी
बदायूं सांसद डा संघमित्रा का बड़ा बयान, मोदी जी ने मुझे गोद लिया है, कहीं नहीं जाऊंगी

बरेली, जेएनएन। UP Election 2022 : स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा छोड़कर सपा में जाने के बाद उनकी बेटी सांसद डा.संघमित्रा को लेकर भी अटकलें लगाई जाने लगी थीं। उन्होंने भाजपा में बने रहने की बात तो पहले ही कह दी थी। अब उन्होंने दोहराया है कि माेदी जी ने मुझे गोद लिया है, भाजपा छोड़कर कहीं नहीं जाएंगी। अपने पिता के भाजपा से असंतुष्ट होकर पार्टी छोड़ने के सवालों को वह टालती रहीं, लेकिन अपनों को टिकट न मिल पाने की वजह से पार्टी छोड़ने के सवाल पर कहा कि यह बात बेबुनियाद है। उस समय टिकट का वितरण ही नहीं हो रहा था। उन्होंने कहा कि चुनाव का समय है, पूरी मेहनत करूंगी। बदले राजनीतिक हालात को लेकर उन्होंने शनिवार को जागरण के साथ बातचीत की।

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विधानसभा चुनाव के दौरान उनके पिता ने भाजपा क्यों छोड़ी, किस बात से असंतुष्ट थे। इस सवाल पर सांसद ने सिर्फ इतना ही जवाब दिया कि वह अपनी बात पूरी बात मीडिया के सामने कह चुके हैं। मैं इस बारे में और कुछ नहीं कह सकती। स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा छोड़ने से विधानसभा चुनाव पर कितना असर मानती हैं, इस पर उन्होंने कहा कि चुनाव में हर पार्टी और नेता जनता के बीच जाते हैं। पार्टी प्रत्याशियों को पूरी मेहतन से चुनाव लड़ाऊंगी, फैसला तो जनता करेगी।

एक दिन पहले इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट डाला था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भाजपा का परिवार बड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में नीचले स्तर के लोग छोटी सोच का परिचय देकर किसी को हजम नहीं करना चाहते। यह बात इन्होंने किसके लिए कही है, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमने किसी नेता के बारे में नहीं बल्कि निचले स्तर के कुछ कार्यकर्ताओं के बारे में यह लिखा है। पिता विरोधी पार्टी में हैं, ऐसे में किस तरह संतुलन बनाएंगी। इस पर सांसद ने कहा कि राजनीति में यह कोई नई बात नहीं है। परिवार के लोगों में वैचारिक मतभेद हो सकता है, लेकिन व्यक्तिगत रिश्ते अपनी जगह रहते हैं।


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