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चुनावी चकल्लस : चैन की नींद और सपने में संसद, 78 के हो गए हाे, अब बच्चों की जान लोगे क्या

UP Vidhansabha Chunav 2022 गुरुजी तो गुड़ की तरह बहुत मीठे हैं और चेला हर काम में खट्टा। जमीन से जुड़ी आदतों का बहुत लगा है बट्टा । बिथरी में चैन की नींद नहीं आ रही थी। इसलिए गुरुजी जब भी क्लास में आते।

By Ravi MishraEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 09:56 AM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 09:56 AM (IST)
चुनावी चकल्लस : चैन की नींद और सपने में संसद, 78 के हो गए हाे, अब बच्चों की जान लोगे क्या
UP Chunav 2022 : चैन की नींद और सपने में संसद, अब 78 के हो, बच्चों की जान लोगे क्या

बरेली, जेएनएन। UP Vidhansabha Chunav 2022 : भैये मानीटर है। कक्षा में क्या होता है सबकी खबर है। सब पर नजर है। चलो भैये कक्षा में चलता है। गुरुजी तो गुड़ की तरह बहुत मीठे हैं और चेला हर काम में खट्टा। जमीन से जुड़ी आदतों का बहुत लगा है बट्टा । बिथरी में चैन की नींद नहीं आ रही थी। इसलिए गुरुजी जब भी क्लास में आते। बैकबेंचर की तरह दागता... गुरुजी अब तो 78 के हो गए हो, क्या बच्चों की जान लोगे या घर में आराम की हमारी बात मान लोगे। घर ना बैठो तो मार्गदर्शक मंडल में ही चले जाइए।

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क्लास खत्म हुई तो कमेंट आता गुरुजी ने पढ़ाया ही क्या, बस सरकारी तनख्वाह हो रही स्वाहा। हां, एक खूबी कि गुरुजी सामने आए तो, पक्का चेला बन गया। पैरों में 90 डिग्री पर झुक गया। साढ़े तीन साल से गुरुजी सब देख रहे थे। कोई शिकायत नहीं कोई शिकवा नहीं। कोई शिकायत लाता तो बस यही समझाते कि बच्चा है, समझ जाएगा। पानी ऊपर से निकल गया तो एक दिन धीरे से जुबान से कुछ ढल गया।

संसद भवन इसके सपने में खूब आएगा पर सच यह है कि अबकी बार यह शरारती लखनऊ जाने को तरस जाएगा। चेला गुरुजी के बिल्ली वाले दावों को समझ न पाया, जमीनों पर कब्जों में हंगामा खूब बरपाया। अब चुनाव आ गए। शाह जी और गुरुजी का चिंतन शुरू हो गया। आखिर शरारती चेले का पत्ता साफ हो गया। दाव चलकर गुरुजी मुस्करा भी नहीं रहे हैं पर, चेले को दिन में तारे नजर आ रहे हैं। अब कमल हाथ से छूटता नजर आ रहा है।

साइकिल के लिए संदेशा भेजा पर वहां से भी जवाब आ रहा है। छावनी में टिकट कट के बाद सवारी नहीं कराते। भैये की चेले को सलाह है कि अब गुरुजी को अभी उम्र की तराजू में भर-भरकर तोलो। अभी सपने में संसद नजर आएगी पर क्या पता दो साल बाद गुरुजी के टिकट का रास्ता ना जाने कौन बिल्ली काट जाएगी। 


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