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चुनावी मैदान में बसपा, रोमांचक होगा मुकाबला, भाजपा के कांग्रेस के बाद घोषित किए प्रत्याशी

UP Vidhansabha Chunav 2022 भाजपा और कांग्रेस के महारथी चुनावी मैदान में सामने आने पर बसपा ने भी तीन सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। बसपा जिलाध्यक्ष ने बताया कि बहेड़ी विधानसभा मीरगंज और बिथरी चैनपुर से पार्टी ने टिकट दिया गया है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 09:08 AM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 09:08 AM (IST)
चुनावी मैदान में बसपा, रोमांचक होगा मुकाबला, भाजपा के कांग्रेस के बाद घोषित किए प्रत्याशी
UP Chunav 2022 : भाजपा, कांग्रेस के बाद बसपा ने खोले पत्ते, इन क्षेत्रों में घोषित किए प्रत्याशी

बरेली, जेएनएन। UP Vidhansabha Chunav 2022 : भाजपा और कांग्रेस के महारथी चुनावी मैदान में सामने आने पर बसपा ने भी तीन सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। बसपा जिलाध्यक्ष डा. जयपाल सिंह ने पत्र जारी करके बताया कि बहेड़ी विधानसभा से आसेराम गंगवार, मीरगंज से कुंवर भानुप्रताप गंगवार और बिथरी चैनपुर से आशीष पटेल को पार्टी ने टिकट दिया गया है। कैंट, शहर, फरीदपुर और नवाबगंज में बसपा वेट एंड वाच की स्थिति में है, जबकि आंवला और भोजीपुरा से भी प्रत्याशी लगभग तय हो चुके हैं।

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पिता की विरासत संभालने आए आशीष, अपनों से ही चुनौती

बिथरी चैनपुर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे आशीष पटेल को पिता (स्व. विधायक वीरेंद्र सिंह) की विरासत संभालनी है, लेकिन चुनौतियां घर से ही हैं। उनके चाचा देवेंद्र सिंह समाजवादी पार्टी में चले गए हैं। हालांकि इस बारे में आशीष का कहना है कि चाचा और परिवार के अन्य लोग वोट और सपोर्ट दोनों ही देंगे। आशीष ने बताया कि पापा के साथ जो लोग सहयोग करते थे। अब भी वे लोग मुझे सहयोग कर रहे हैं। वह चुनावी मैदान में क्षेत्र के विकास और जनता के सम्मान के लिए उतरे हैं। यह परिवर्तन की लहर है और यूथ परिवर्तन करेगा।

पारिवारिक इतिहास से भानु को जीत की उम्मीद

मीरगंज से बसपा का टिकट पाने वाले कुंवर भानुप्रताप गंगवार को पारिवारिक इतिहास से जीत की उम्मीद है। भानु के बाबा रायबहादुर कुंवर ढाकन लाल बरेली में वर्ष 1918 से 1944 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रहे। उनके ताऊ मोहनस्वरूप पीलीभीत से चार बार सांसद रहे थे। परिवार में भाई एवं अन्य लोग भी विधायक रहे। मीरगंज की सीट का इतिहास समझने वाले भानु को वर्तमान का सियासी रूप कितना समझ आएगा, यह तो भविष्य में पता चलेगा, क्योंकि उन्होंने इससे पहले कोई चुनाव नहीं लड़ा। भानु प्रताप का कहना है कि वह बीते पांच सालों से लगातार तैयारी कर रहे हैं। बसपा में तीन साल से बतौर कार्यकर्ता काम कर रहे हैं।

प्रधानी की राह से आसेराम को विधायक बनने की चाह

ग्राम प्रधान की राह पकड़ने के बाद विधायक बनने की चाह रखने वाले आसेराम गंगवार को इस बार बसपा ने बहेड़ी विधानसभा से टिकट दिया है। आसेराम वर्ष 2010 में बहेड़ी ब्लाक के गांव नौली में प्रधान रहे। इसके साथ ही ग्राम प्रधान संघ के अध्यक्ष भी बने। वर्ष 2015 में वार्ड संख्या 15 से जिला पंचायत सदस्य बने और उनका भतीजा अजय कुमार ग्राम प्रधान बना। वर्ष 2021 में छोटे भाई डा. आदेश गंगवार की पत्नी आकांक्षा जिला पंचायत चुनी गईं। आसेराम बसपा में 2015 से बतौर कार्यकर्ता काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि टिकट पाकर इतना तय हो गया कि पार्टी मुझे यहां से विधायकी के लायक मानती है। इससे आधा मैदान जीत लिया है, बाकी आधा काम चुनाव में पूरा हो जाएगा। अब तक जिस पद पर रहा हूं, जनसेवा की है। विधायक बनकर भी सेवा का संकल्प है, उम्मीद है, जनता पूरा कराएगी।


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