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बदायूं में डीपी यादव की एंट्री से बदली कई सीटों की सियासत, अब मुकाबला त्रिकोणीय होने का दावा कर रहे चुनावी पंडित

राष्ट्रीय परिवर्तन दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डीपी यादव ने भी ताल ठोंक दी है। डीपी यादव यहां से अपनी जीत के साथ ही सपा और बसपा का खेल बनाने और बिगाड़ने का भी माद्दा रखते हैं। डीपी यादव की एंट्री से बदायूं की कई सीटों की सियासत बदल जाएगी।

By Ravi MishraEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 04:45 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 04:45 PM (IST)
बदायूं में डीपी यादव की एंट्री से बदली कई सीटों की सियासत, अब मुकाबला त्रिकोणीय होने का दावा कर रहे चुनावी पंडित
सहसवान सीट से डीपी यादव के अलावा पत्‍नी व बेटे ने भी नामांकन कराया

बरेली, जेएनएन। बदायूं की सहसवान विधानसभा सीट पर बीते कई सालों से समाजवादी पार्टी ही परचम फहरा रही है। हालांकि, इस बार सपा को चुनौती देने मैदान में आरपीडी भी आ खड़ी हुई है। दरअसल सपा ने अपने विधायक ओमकार सिंह के पुत्र बृजेश यादव को चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं भाजपा ने डीके भारद्वाज काे टिकट दिया है। जबकि बसपा की ओर से मुर्सरत अली उर्फ हाजी बिट्टन चुनाव मैदान में हैं। यादव और मुस्लिम बाहुल्य होने के चलते इस सीट पर सपा का दबदबा रहा है। लेकिन इस बार बसपा से मुस्लिम प्रत्याशी होने के साथ ही राष्ट्रीय परिवर्तन दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डीपी यादव ने भी ताल ठोंक दी है। डीपी यादव यहां से अपनी जीत के साथ ही सपा और बसपा का खेल बनाने और बिगाड़ने का भी माद्दा रखते हैं। डीपी यादव की एंट्री के साथ ही बदायूं की कई सीटों की सियासत बदल जाएगी क्‍योंकि आरपीडी अध्‍यक्ष ने कई सीटों पर प्रत्‍याशी उतारने का एलान किया है। 

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मंगलवार को राष्ट्रीय परिवर्तन दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डीपी यादव, उनकी पत्नी उमलेश और बेटे कुणाल ने नामांकन दाखिल किया है। डीपी यादव का कहना है कि स्वास्थ्य को देखते हुए ऐसा कदम उठाया है। कौन पर्चा वापस लेगा इस पर फैसला आगे करेंगे। इधर विधानसभा सीट पर उनकी मौजूदगी ही अन्य राजनीतिक दलों के लिए चिंता बढ़ाने वाली है। दरअसल सहसवान सीट पर करीब सवा दो लाख मतदाताओं में आधे से अधिक मुस्लिम और यादव मतदाता है। आबादी के हिसाब से इन दोनों की संख्या दो लाख से अधिक है। सपा के बार बार यहां से जीतने की एक वजह यह भी मानी जाती है। एक बार यहां से डीपी यादव अपनी पार्टी से निर्दलीय लड़कर जीत भी चुके हैं। बदायूं जिले के और सहसवान के सियासी पंडित कहते हैं कि इस बार सहसवान में मुकाबला त्रिकोणीय होने वाला है। डीपी यादव परिवार के मैदान में आने के बाद अब चुनाव दो यादवों, एक मुस्लिम और एक ब्राह्मण के बीच हो गया है। कुछ लोगों का मानना है कि अगर इन दोनों एम और वाई के अलावा अन्य जातियां एकजुट होकर मतदान करती हैं तो सहसवान सीट पर इतिहास भी लिखा जा सकता है, लेकिन यह भी मानते हैं कि इसकी संभावना कम ही है।

अन्य सीटों पर भी लड़ेंगे चुनाव: नामांकन करने के बाद राष्ट्रीय परिवर्तन दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डीपी यादव ने शहर के बाहर एक होटल में प्रेसवार्ता की। इसमें उन्होंने कहाकि वह गरीबों, मजलूमों और लोगों की मदद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। बताया कि वह जिले की अन्य सीटों पर भी अपने प्रत्याशी उतारेंगे। कहा कि कुछ पार्टियों से गठबंधन को लेकर बात चल रही है। वह भी बुधवार तक फाइनल हो जाएगा। इसके बाद नामांकन के शेष बचे दो दिनों में वह अन्य प्रत्याशियों को मैदान में लाएंगे। चर्चा रही कि डीपी यादव बिल्सी और बिसौली से अपने परिवार के या किसी अन्य व्यक्ति को चुनाव लड़ा सकते हैं। इस दौरान उनका बेटे कुणाल यादव भी साथ रहे।


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