देवमूर्ति बोले, अभी तो मैं ही हूं बरेली कॉलेज का सचिव
मुझे प्रशासन की कार्रवाई का कोई पत्र नहीं मिला है। शासन में बात की।
बरेली, जेएनएन : मुझे प्रशासन की कार्रवाई का कोई पत्र नहीं मिला है। शासन में बात की। पता लगा कंट्रोलर बिठाने का कोई आदेश जारी नहीं किया। पत्र न मिलने की स्थिति में अब तक प्रबंध समिति का सचिव तो मैं ही हूं। आज ही मैंने प्राचार्य का 14 जनवरी का अवकाश स्वीकृत किया है। प्रशासन का कोई पत्र मिले तो मैं उस पर विचार करूंगा कि मुझे क्या करना है। यह कहना है बरेली कॉलेज के प्रबंध समिति के सचिव देवमूर्ति का।
डीएम और विवि प्रशासन ने शासन में प्रबंध समिति भंग कर कंट्रोलर बिठाने की सिफारिश भेज रखी है। इससे इतर अब प्रशासन ने कॉलेज में अंतरिम सचिव बैठा दिया। प्रबंध समिति के सचिव देवमूर्ति कहते हैं कि मुझे इसमें किसी भी कार्रवाई का कोई आदेश पत्र नहीं मिला है। न ही प्रशासन सीधे समिति भंग कर कंट्रोलर बिठा सकता है। कंट्रोलर शासन के उच्च शिक्षा विभाग के आदेश पर ही बैठ सकता है।
------------
सभी सदस्यों का चयन कानूनी रूप से हुआ है। किसी तरह की कार्रवाई से पहले प्रशासन को सदस्यों का भी पक्ष जानना चाहिए था, चाहे लिखित या बैठक बुलाकर। अब कोई रास्ता नहीं निकलेगा तो फिर बाकी सदस्यों के साथ कोर्ट जाने का ही विकल्प बचता है। - सुप्रिया ऐरन, सदस्य बोर्ड ऑफ कंट्रोल
---
प्रबंधन नहीं, अब प्राचार्य होंगे कैंपस के बॉस
प्रिंसिपल साहब, फ्रंट पर आइए। कॉलेज के असल बॉस आप हैं, न कि प्रबंध समिति। मंडलायुक्त रणवीर प्रसाद ने 15 अक्टूबर को प्राचार्य डॉ. अजय शर्मा को अपनी असल भूमिका में आने के लिए यही शब्द कहे थे। तब मंडलायुक्त पहली बार कॉलेज पहुंचे थे। मौका था प्रतिभा सम्मान समारोह का। ऐसा उन्होंने अचानक नहीं बोला। बल्कि वह कॉलेज में भ्रष्टाचार, झगड़ा, शिक्षकों की खींचतान और प्रबंधन के दखल के हर पहलू से वाकिफ हो चुके थे। इस वाकिये के करीब तीन माह बाद मंडलायुक्त ने प्राचार्य को फ्रंट पर लाने की कवायद तेज कर दी। जिस पर 30 जनवरी को प्रस्तावित बोर्ड ऑफ कंट्रोल की बैठक में मुहर लगने का इंतजार है।