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बरेली में कोरोना से बचाव के लिए लोग बना रहे ट्रेन और हवाई यात्रा से दूरी, घाटे में रोडवेज Bareilly News

बरेली जंक्शन होकर जाने वाली आठ जोड़ी ट्रेनों में पहले के मुकाबले जिले से कम मुसाफिर चढ़ रहे। यही हाल रोडवेज बसों और दिल्ली से हवाई यात्रा करने वाले लोगों का है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 05:00 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 05:11 PM (IST)
बरेली में कोरोना से बचाव के लिए लोग बना रहे ट्रेन और हवाई यात्रा से दूरी, घाटे में रोडवेज Bareilly News
बरेली में कोरोना से बचाव के लिए लोग बना रहे ट्रेन और हवाई यात्रा से दूरी, घाटे में रोडवेज Bareilly News

बरेली, जेएनएन। अनलॉक-1 लागू होने के बाद एक जून से सफर की छूट मिल गई। लेकिन कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक शहरवासी फिलहाल अनावश्यक सफर से दूरी ही बनाए हुए हैैं। बरेली जंक्शन होकर जाने वाली आठ जोड़ी ट्रेनों में पहले के मुकाबले जिले से कम मुसाफिर चढ़ रहे। यही हाल रोडवेज बसों और दिल्ली से हवाई यात्रा करने वाले लोगों का है।

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रिजर्वेशन कैंसिल कराने वाले ज्यादा

मुख्य वाणिज्य निरीक्षक संजीव दुबे ने बताया कि इन दिनों काउंटर पर टिकट आरक्षण कराने वालों से ज्यादा टिकट कैंसिल कराने वाले हैैं। जबकि सामान्य दिनों में मई से जुलाई तक सबसे अधिक भीड़ दिल्ली, जम्मू, अमृतसर की ट्रेनों में रहती थी। वहीं, गुवाहटी जाने वाली ट्रेनों में भी रोजाना जंक्शन से पांच सौ से अधिक यात्री चढ़ते थे। फिलहाल इन रूटों की ट्रेन निरस्त हैैं। जबकि चल रही आठ जोड़ी ट्रेनों में औसतन 10 से 15 यात्री ही चढ़ रहे हैैं।

हवाई यात्रा से भी बना रहे दूरी

बटलर प्लाजा स्थित हवाई यात्रा का पैकेज देने वाले एक एजेंट ने बताया कि मई से जुलाई मुख्य सीजन चलता था। हर महीने 70 से 80 परिवारों के घूमने का पैकेज रहता था। वहीं, अकेले हवाई सफर करने वाले 200 से अधिक टिकट होते थे। इसके अलावा जो लोग खुद टिकट बुक करते वो अलग। लेकिन इस बार 22 मार्च से अभी तक केवल तीन टिकट ही बुक हुए हैैं। पहले दिल्ली-लखनऊ से गोवा या दक्षिण भारत घूमने वालों के टिकट की खासा बुकिंग होती थी। जो इस बार नहीं है।

बसों में सवारी कम, घाटा ज्यादा

लॉकडाउन में प्रवासियों को भेजने का खर्च प्रदेश सरकार ने देने का फैसला किया था। ऐसे में रोडवेज को प्रवासियों को छोडऩे में किसी प्रकार का घाटा नहीं हुआ। लेकिन एक जून से बसों में सवारियां भरना मुश्किल हो रहा है। 52 सीट की बस में महज 15 से 20 यात्री सफर कर रहे है। गुरुवार को परिक्षेत्र से गई 190 बसों में कुल 1794 मुसाफिरों ने सफर किया। जो अमूमन करीब दस हजार मुसाफिर तक होती है। ऐसे में हर रोडवेज बस घाटे में चल रही। अधिकारियों के मुताबिक कुल घाटा लाखों में है।

शुरूआत में घाटा हो रहा हैै। लेकिन आने वाले समय में स्थिति सही होने की उम्मीद है। अभी लोड फैक्टर केवल 30 प्रतिशत है। जब तक यह 65 प्रतिशत नहीं पहुंचेगा तब तक स्थिति सामान्य नहीं होगी।

- एसके बनर्जी, क्षेत्रीय प्रबंधक, बरेली परिक्षेत्र


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