अंकल, आप कितने घंटे पढ़कर डीएम बने, जानिए क्या बोले बरेली के जिलाधिकारी नितीश कुमार
अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकारी दिवस पर शुक्रवार को जनपद में कई जगह कार्यक्रम आयोजित किए गए। कई जनपदों में तो छात्राओं को थाना प्रभारी भी बनाया गया। जिलाधिकारी ने जिले में आयोजित कार्यक्रम में छात्राओं को आत्मनिर्भर और निडर बनने के लिए प्रेरित किया।
बरेली, जेएनएन : अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस पर जिलाधिकारी नितीश कुमार शुक्रवार को स्कूल के बच्चों के बीच बैठे। दोतरफा संवाद हुआ तो बच्चों के मन में छिपे सवाल बाहर आ गए। आलमपुर जाफराबाद ब्लॉक में आयोजित शक्ति संवाद आयोजन में एक बच्चे ने डीएम नितीश कुमार से पूछ लिया कि अंकल, डीएम बनने के लिए आप कितने घंटे पढ़ते थे। डीएम ने तुरंत हंसते हुए जवाब दिया कि पढ़ाई घंटों से नहीं, बल्कि मन से होती है।
ज्यादातर बच्चों के मन में करियर को लेकर जिज्ञासा रही। बालिकाओं को शिक्षा से जोडऩे एवं रोजगार प्रशिक्षण देने के लिए कहा। छात्राओं ने पूछा कि करियर का चुनाव कैसे करें। परीक्षा में सफलता के लिए कैसे तैयारी करें। डीएम ने प्रोत्साहित करते हुए कहा कि कभी परीक्षा में असफलता भी मिले तो घबराना नहीं चाहिए। अगली बार दोगुनी तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने बच्चों को उनके अधिकारों के बारे में भी बताया। पास्को एक्ट और पुलिस हेल्पलाइन के बारे में भी जानकारी दी गई। छात्राओं को उन्होंने आत्मनिर्भर होने के लिए प्रेरित किया। साथ ही यह भी कहा कि सभी जरूरी हेल्पलाइन नंबरों को याद करके रखें। जरूरत पडऩे पर तुरंत मदद मांगें। किसी भी परिस्थित में घबराएं नहीं बल्कि डटकर उसका सामना करें। करियर के साथ बच्चों ने गंभीर मुद्दों पर भी संवाद किया। समाज में नशे की लत, बेटा-बेटी में भेद, सुरक्षित माहौल पर बच्चों ने पूछा कि बेटा और बेटी के बीच फर्क की सोच को कैसे रोक सकते हैं। डीएम ने कहा कि इसकी शुरुआत तो अपने-अपने घर से ही करनी होगी।