हलाला प्रकरणः निदा खान के खिलाफ फतवे पर उठे तूफान के बाद उलमा खामोश
दरगाह आला हजरत से निदा खान के खिलाफ फतवा जारी होने के बाद तूफान खड़ा होने के बाद फतवे के जवाब में निदा मुखर लेकिन उलमा खामोश हो गए।
बरेली (जेएनएन)। दरगाह आला हजरत से निदा खान के खिलाफ फतवा जारी होने के बाद विवादों का तूफान खड़ा हो गया है। फतवे के जवाब में निदा लगातार मुखर होकर बयान दे रही हैैं लेकिन, उलमा खामोश हो गए हैैं। रणनीति के तहत इस मसले पर होने वाली प्रेस कांफ्रेंस को भी टाल दिया गया।
ऐसे शुरू हुआ विवाद
बरेली के शहर इमाम ने शहर काजी की तरफ से फतवा जारी किया था। यह कहते हुए कि निदा खान ने कानून-ए-शरीयत की मुखालफत की है। उन्हें इस्लाम से खारिज किया जाता है। तौबा की शर्त के साथ तमाम तरह की पाबंदियां भी लगाई थीं। मसलन उनसे मिलना-जुलना, साथ में खाना-पीना और यहां तक कि मौत के बाद जनाजे में भी शिरकत नहीं की जा सकती। निदा ने फतवा जारी होने के बाद फौरन ही कह दिया था कि वह तौबा नहीं मांगेंगी। उल्टे फतवा देने वाले उलमा से ही तौबा की मांग कर डाली थी।
पहले जवाब की बात, फिर चुप्पी
सोमवार को फतवा जारी होने के बाद जब मंगलवार को मामला तूल पकड़ा तो तय हुआ कि इसका जवाब दरगाह आला हजरत पर प्रेस कांफ्रेंस करके दिया जाएगा। मीडिया कर्मियों को दोपहर एक बजे का वक्त भी बता दिया गया था। प्रेस कांफ्रेंस शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम को करनी थी। हालांकि, बाद में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि किसी जरूरी काम में उलझ जाने की वजह से वह प्रेस कांफ्रेंस नहीं करेंगे।
विवाद की नहीं थी उम्मीद
दरअसल, फतवे के बाद विवाद इतना ज्यादा तूल पकड़ जाएगा, इसकी उम्मीद नहीं की गई थी। शायद यही वजह है कि आगे इस मामले में विचार के बाद जवाब देने का फैसला हुआ है। कुछ उलमा से जागरण ने राय जानने की कोशिश की तो उन्होंने फिलहाल बोलने से इन्कार कर दिया। हां, इससे पहले जब शहर काजी की तरफ से शहर इमाम ने फतवा जारी किया गया था, तब उलमा उसके पक्ष में खासे मुखर रहे।
निदा बात पर अडिग
दूसरी तरफ निदा खान ने फतवे को लेकर तीखी प्रतिक्रिया देने का सिलसिला जारी रखा है। तीसरे दिन भी बातचीत में दोहराया कि फतवे को किसी कीमत पर कुबूल नहीं किया जाएगा।
एक और पीडि़ता पर ससुर के साथ रहने का दबाव
हलाला और तलाक पर उठे इंसाफ के शोर में भी हालात बदलते नहीं दिख रहे। तलाक का दंश झेलने वाली एक और महिला बुधवार को सामने आई। उसे पति ने फोन पर ही तलाक दे दिया है। पीडि़ता ने दोबारा घर में रहने का प्रयास किया तो ससुर के साथ रहने का दबाव बनाया जा रहा है। बरेली के सीबीगंज की रहने वाली पीडि़ता बुधवार को एसएसपी ऑफिस पहुंची। बताया कि उसकी शादी 2013 में मीरगंज निवासी एक व्यक्ति के साथ हुई थी। पति पहले से ही शादीशुदा था लेकिन, उसने यह बात छिपा ली। जब वह चार माह की गर्भवती हो गई तो मारपीट कर घर से निकाल दिया गया। एक रोज पति ने फोन पर ही तीन तलाक दे दिया।
रहना है मेरे साथ आ जाओ
पीड़ित महिला ने बताया कि ससुराल लौटने पर पति ने तीन तलाक का हवाला देते हुए रखने से साफ मना कर दिया। ससुर के सामने गिड़गिड़ाई लेकिन उनके जवाब भी सुन्न करने वाले थे। बोले, बेटा उसे किसी हाल में नहीं रखेगा। रहना है मेरे साथ आ जाओ। बाद में पति ने भी यही बात दोहराई। पीडि़ता का कहना है पिता-पुत्र दोनों उस पर लगातार दबाव बना रहे हैं। घर में सुनवाई न होने पर बुधवार को पीडि़ता एक आर्गेनाइजेशन की फहीमा यासमीन के साथ एसएसपी से इंसाफ मांगने पहुंची। हालांकि, उनसे मुलाकात नहीं हो सकी।