UG & PG Admission 2019 : 55 हजार छात्रों के पास एडमिशन के लिए केवल सात घंटे Bareilly News
बरेली-मुरादाबाद मंडल के करीब 544 कॉलेजों में एडमिशन लेने के लिए करीब 55 हजार दावेदार बाकी हैं। इनके पास सुबह दस से शाम पांच बजे तक सात घंटे हैं।
बरेली, जेएनएन : एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के अंडर ग्रेजुएट (यूजी) और पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है, जो आज समाप्त हो रही है।
बरेली-मुरादाबाद मंडल के करीब 544 कॉलेजों में एडमिशन लेने के लिए करीब 55 हजार दावेदार बाकी हैं। इनके पास सुबह दस से शाम पांच बजे तक सात घंटे हैं। इस अंतराल में प्रवेश प्रक्रिया पूरी करा लें। क्योंकि आज रात तारीख बदलते ही रुविवि की प्रवेश वेबसाइट बंद हो जाएगी। इसके बाद कोई प्रवेश नहीं होंगे।
दूसरी बात, प्रवेश की अंतिम तिथि समाप्ति से पहले ही एडमिशन का परिणाम सामने आ चुका है। इस बार रुविवि से संबद्ध राजकीय और एडेड कॉलेजों को छोड़ दें तो निजी कॉलेजों में अधिकांश निजी कॉलेजों में आधी सीटें खाली हैं। यूजी-पीजी में प्रवेश के लिए 2.20 लाख आवेदन हुए। जबकि स्नातक में ही रुविवि की 3.73 लाख सीटें हैं। पीजी की सीटों की संख्या स्पष्ट नहीं है। संभावित एक लाख सीटें आंकी जा रही हैं।
दोनों कोर्स में संभावित पौने पांच लाख सीटें हैं। इसके सापेक्ष केवल 1.63 लाख प्रवेश हुए हैं। जिससे न सिर्फ कॉलेज, बल्कि रुविवि प्रशासन तक बेचैन है। क्योंकि एक तिहाई सीटों खाली रहने से कॉलेज तो घाटे में हैं ही, रुविवि को भी परीक्षा फीस में करीब बीस करोड़ के आस-पास घाटा उठाना पड़ेगा।
तिथि बढऩे की संभावना कम
रुविवि ने करीब तीन माह पूर्व प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी थी। मगर अभ्यर्थियों ने प्रवेश में रुचि नहीं दिखाई। अंत में कई बार विवि को तिथि बढ़ानी पड़ी। इसके बावजूद आवेदन में कोई खास वृद्धि नहीं हुई। पिछले साल जहां 2.60 लाख आवेदन आए थे, अबकी उससे 40 हजार कम आए हैं।
घाटे की चुनौती पर प्रवेश का दर्द
रुविवि पहले ही घाटे की तरफ बढ़ चुका है। नई नियुक्तियां, प्रमोशन और कुछ बड़े प्रोजेक्ट पर करोड़ों के खर्चे। इस सबसे हर साल विवि पर बोझ बढऩा तय है। जबकि आमदनी बढऩे के बजाय के घट रही है। इस चुनौती से निबटने के लिए रुविवि प्रशासन की ओर से कोई ठोस प्रयास नजर नहीं आ रहे हैं।
प्रवेश की अंतिम तिथि आज है। अभ्यर्थी आज हर हाल में प्रवेश करा लें। इसके बाद मौका नहीं मिलेगा।
-प्रो. एसके पांडेय, प्रवेश समन्वयक रुविवि
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