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सूदखोरों के चंगुल में फंसकर पहले इलाज के अभाव में की आंख की रोशनी गई, फिर जेवर और जमीन, अब जान पर बन आई

सूदखोरों के चंगुल में फंसे कर्जदारों ने मूल रकम के एवज में कई गुना धनराशि अदा की। बावजूद सूदखोर मूल बकाया के साथ ब्याज बकाया की बात कह कर्जदार का उत्पीड़न कर रहा है। पैसे लेते वक्त जमीन के पेपर ले लिए थे खाली पेपर पर हस्ताक्षर करा लिये थे।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 07:27 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 07:27 AM (IST)
सूदखोरों के चंगुल में फंसकर पहले इलाज के अभाव में की आंख की रोशनी गई, फिर जेवर और जमीन, अब जान पर बन आई
सूदखोरों के चंगुल में फंसे कर्जदार बोले- हालात ऐसे कि जीवन खत्म करने के अलावा अब नहीं बचा कोई विकल्प।

बरेली, जेएनएन। सूदखोरों के चंगुल में फंसे कर्जदारों ने मूल रकम के एवज में कई गुना धनराशि अदा की। बावजूद सूदखोर मूल बकाया के साथ ब्याज बकाया की बात कह कर्जदार का उत्पीड़न कर रहा है। पैसे लेते वक्त जमीन के पेपर ले लिए थे, खाली पेपर पर हस्ताक्षर करा लिये थे। अब कहता है कि जमीन हमारी है। कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। सूदखोर के चंगुल में फंसे कर्जदार ने दैनिक जागरण को आपबीती सुनाई। सामने आया कि कर्ज के बोझ तले दबे होने से इलाज के अभाव में पत्नी की आंखों की रोशनी चली गई। जमीन भी चली गई। अब मेरी जान की बारी है। हालात ऐसे हैं कि जीवन खत्म करने के अलावा कोई विकल्प सामने नहीं आ रहा।

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80 हजार के पांच लाख दो या फिर ले लेंगे तुम्हारा 14 चक्का ट्रक : मामला भोजीपुरा का है। कर्ज तले दबे हेमराज बताते हैं कि वर्ष 2019 में 14 चक्का ट्रक ले रहा था। 80 हजार रुपये कम पड़ रहे थे। इस पर सूदखोर से बीस प्रतिशत ब्याज पर 80 हजार रुपये लिये थे। 80 हजार के बदले सूदखोर को 86 हजार रुपये दे दिये। इधर, ट्रक का काम चौपट हो गया। पत्नी की आंख में अचानक से दिक्त हो गई। आर्थिक दिक्कतों के चलते समय से पत्नी का इलाज नहीं करा सका। इससे उनकी आंख की रोशनी चली गई। इधर, सूदखोर आय दिन रकम के लिए परेशान करने लगा। इस पर सूदखोर से 86 हजार रुपये पहले ही दिये जाने की बात कहीं। इस पर सूदखोर ने कहा कि मूलधन व ब्याज मिलाकर कुल पांच लाख रुपये बन रहे हैं। जितनी जल्दी दे दोगाे, तुम्हारे लिए उतना ही अच्छा होगा। रकम न देने के एवज में तुम अपनी 14 चक्का ट्रक से भी हाथ धो बैठोगों। हेमराज के तीन बच्चे हैं।

साढ़े तीन लाख में सात बीघा जमीन का करा लिया एग्रीमेंट : मामला फरीदपुर के पचौमी गांव का है। रिजवान हुसैन बताते हैं कि वर्ष 2018 में सूदखोर से दस प्रतिशत ब्यात पर साढ़े तीन लाख रुपये ले लिये थे। बतौर गारंटी सूदखोर ने हमारी सात बीघा जमीन का एग्रीमेंट करा लिया। रकम वापस करने के बाद एग्रीमेंट निरस्त कराने की बात कही। इसके बाद सूदखोर को साढ़े तीन लाख के बदले कई बार में छह लख 15 हजार रुपये दे दिए। सबसे अंतिम बार पत्नी के जेवर गिरवी रख दो लाख 40 हजार रुपये दिये जिससे मेरी जमीन छूट जाए। बावजूद अब सूदखोर कहता है कि अभी मूलरकम तो बाकी है। जब तक मूलरकम नहीं दोगो तब तक जमीन का एग्रीमेंट निरस्त नहीं होगा। कर्ज अदा करने के लिए पत्नी की जेवर तक गिरोह रख दी, अब कैसे साढ़े तीन लाख रुपये दूं। सूदखाेर जमीन अपने नाम कराने की धमकी दे रहा है। रिजवान कहते हैं कि अब जान देने के अलावा कोई विकल्प नहीं सूझ रहा।

(यदि सूदखोर आपका उत्पीड़न कर रहा तो आप 7007703402 पर अपनी जानकारी साझा कर सकते हैं।)


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