मोहल्ला पाठशाला से बचने के लिए शिक्षकों को देना होगा स्पष्टीकरण
एक जुलाई से विभागीय कार्यों को निपटाने के लिए भले ही परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के आने के आदेश हो गए हों। लेकिन विभाग की ओर से बच्चों की पढ़ाई को फिलहाल आनलाइन और मोहल्ला पाठशाला के जरिए जारी रखने के निर्देश हैं।
बरेली, जेएनएन। : एक जुलाई से विभागीय कार्यों को निपटाने के लिए भले ही परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के आने के आदेश हो गए हों। लेकिन, विभाग की ओर से बच्चों की पढ़ाई को फिलहाल आनलाइन और मोहल्ला पाठशाला के जरिए जारी रखने के निर्देश हैं। मगर, हर रोज या तो विभाग में पहुंच कर शिक्षक मोहल्ला पाठशाला को बंद कराने के लिए अर्जी पहुंच रहे हैं या कई शिक्षक बिना जानकारी के शुरुआत में पाठशाला लगाकर इसे बंद कर चुके हैं। इस बात की जानकारी होने पर बीएस ने फरमान जारी किया है कि मोहल्ला पाठशाला न लगने पर शिक्षकों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
कोरोना संक्रमण के चलते शासन के साथ ही विभाग का प्रयास है कि किसी भी सूरत में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न होने पाए। स्मार्ट व लैपटाप न होने पर कई बच्चे पढ़ाई से दूर हैं। ऐसे में विभाग ने शिक्षकों से प्रेरणा साथियों की मदद से मोहल्ला पाठशाला लगाने के निर्देश दिए हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में जिन अभिभावकों के पास संसाधन हैं भी तो वहां बच्चे नेटवर्क की समस्या होने की वजह से चाहकर भी पढ़ाई को प्रभावित होने से नहीं बचा पा रहे हैं।
वहीं कहीं शिक्षकों ने खुद ही इस पर विराम लगा दिया है। इसे गंभीरता से लेते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विनय कुमार ने सोमवार को खंड शिक्षाधिकारियों को पत्र जारी कर मोहल्ला पाठशाला अनिवार्य रूप से आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। कहा है कि इसका अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए।
यहां नहीं चल रही मोहल्ला पाठशाला
उमसिया, बबिया, मोहनपुर, रिछा, माधवबाड़ी, अकबरपुर, मन्नतपुर जैसे कई विद्यालयों व आसपास मोहल्ला पाठशाला आयोजित नहीं हो रही हैं। जिस वजह से बच्चे पूरी तरह पढ़ाई से दूर हैं।