Move to Jagran APP

बरेली की रबर फैक्ट्री में लगातार लोकेशन बदल रही बाघिन, विशेषज्ञ समझ नहीं पा रहे कि कैसे बाघिन को पकड़ेंं

बाघिन का मूवमेंट पता करने के लिए 39 सेंसर कैमरें दो पिंजरा दो ट्रेंक्युलाइज रूम 48 जगह पग मार्क इंप्रेशन पैड (पीआइपी) व एक खुली जगह जाल से ट्रेंक्युलाइज के लिए कवर्ड एरिया बनाया गया है। इसके अलावा दो जगहों पर पड्डा व एक जगह सुअर बांधा गया है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 11:55 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 11:55 AM (IST)
बरेली की रबर फैक्ट्री में लगातार लोकेशन बदल रही बाघिन, विशेषज्ञ समझ नहीं पा रहे कि कैसे बाघिन को पकड़ेंं
प्रभागीय वन अधिकारी भारत लाल ने बताया कि बाघिन की लोकेशन पिछले एक सप्ताह से लगातार मिल रही है।

बरेली, जेएनएन। 1270 एकड़ भूमि पर बनी रबर फैक्ट्री जो कि 15 जुलाई 1999 से हमेशा के लिए बंद हो गई में वर्तमान में 13 मार्च 2020 से इस फैक्ट्री में बाघिन का डेरा है। जिसे पकड़ने के लिए वन विभाग के साथ विशेषज्ञ लगे हुए हैं। कई बार चले आपरेशन में सफलता नहीं मिली। कभी बारिश तो कभी कोरोना के चलते आपरेशन को टाल दिया गया। एक बार फिर से बाघिन को पकड़ने के लिए वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट आफ इंडिया (डब्ल्यूटीआइ) के साथ ही पीलीभीत टाइगर रिजर्व के वन्य जीव विशेषज्ञ डा. दक्ष गंगवार के साथ वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी लगे हुए हैं।

prime article banner

बाघिन का मूवमेंट पता करने के लिए 39 सेंसर कैमरें, दो पिंजरा, दो ट्रेंक्युलाइज रूम, 48 जगह पग मार्क इंप्रेशन पैड (पीआइपी) व एक खुली जगह जाल से ट्रेंक्युलाइज के लिए कवर्ड एरिया बनाया गया है। इसके अलावा दो जगहों पर पड्डा व एक जगह सुअर बांधा गया है। प्रभागीय वन अधिकारी भारत लाल ने बताया कि बाघिन की लोकेशन पिछले एक सप्ताह से लगातार मिल रही है, लेकिन हर बार अलग-अलग एरिया व अलग-अलग कैमरों में यह मिल रही है। जिसके चलते कुछ परेशानी हो रही है। मंगलवार को पड्डों का लोकेशन बदलकर दूसरी जगह पर बांधा गया है। विशेषज्ञों की टीमें लगी हुई है। जल्द बाघिन को सुरक्षित पकड़ने में सफलता मिलेगी।

एक हफ्ते से लगातार दिख रही बाघिन : सालों से बंद पड़ी रबड़ फैक्ट्री में मंगलवार को आधा दर्जन कैमरो में बाघिन की लोकेशन देखी गई। ऐक्सपर्ट की टीम ने मूवमेंट वाले क्षेत्र को सील कर दिया है। शाम के समय बाघिन को पकड़ने का अभियान तेजी से चलाया।बाघिन की सटीक लोकेशन लगाए गए जाल के पास मंदिर की तरफ कोयला प्लांट में मिली है। लगातार बाघिन का मूवमेंट एक ही एरिया में मिल रहा है। बाघिन के मूवमेंट क्षेत्र को सील करने के लिये पीटीआर से भारी मात्रा में मंगाए गए जाल को लगा दिया गया है।

पिछले 18 महीने से बन विभाग के साथ लुका छुपी का खेल खेल रही बाघिन को पकड़ने के लिये ऐक्सपर्ट की टीम ने डब्ल्यूटीआई और बन विभाग की टीम के साथ मिलकर अभियान तेज कर दिया है। मंगलवार को सुबह तड़के 3.43 बजेपर बाघिन की लोकेशन लेटेस्ट और कोयला प्लांट के पूर्व दिशा में मौजूद मंदिर के पास मिली है।बन विभाग के अधिकारियों ने पीटीआर से भारी मात्रा में जाल मंगा कर लगवा दिया है। शाम साढ़े चार के बाद टीम के द्वारा कोयला प्लांट के पूर्व में मंदिर के पास के क्षेत्र को जाल लगाकर सील किया गया है।

जाल लगाकर और एरिया को सील किया जा रहा है पीटीआर और डब्ल्यूटीआई के ऐक्सपर्ट राजुल सक्सेना,डॉ दक्ष गंगवार,एके राठौर,डॉ सुशान्त बाघिन को पकड़ने के अब पूरी तैयारी कर ली है धीरे धीरे एरिया को छोटा कर रहे हैं । ताकि बाघिन को आसानी से ट्रेकुलाइस किया जा सके इसीलिये उन्हीने बाघिन के रेस्कयू तेज कर दिया है। रबर फैक्ट्री का बाहरी क्षेत्र भी सील कर दिया है। रबर फैक्ट्री के मेन गेट में भी बंद कर दिया गया है।

सारा एरिया सील कर दिया गया है ताकि वहारी किसी व्यक्ति के कारण अभियान प्रभावित नही हो सके। आसपास के गाव के लोगो को भी बन विभाग कर्मियों ने रबर फैक्ट्री में आने से मना कर दिया है।डीएफओ भरतलाल ने बताया कि बाघिन की लोकेशन एक निशिचत क्षेत्र में मिल रही है।उसको उसी क्षेत्र में रोकने के लिए भारी मात्रा में जाल लगाया गया है। भरपूर मात्रा में उसके क्षेत्र में शिकार बांधे गए है।अगर बाघिन की सटीक लोकेशन इसी क्षेत्र में बनी रही तो बहुत जल्द बाघिन को ट्रेंक्यूलाइज कर लिया जायेगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.