पीलीभीत में बाघ और तेंदुआ का आतंक, दो मवेशियों को बनाया शिकार
नेपाल बार्डर क्षेत्र में तेंदुआ फिर से सक्रिय हो गया है। वह लगातार लोगों की पशुशाला में घुसकर उनके पालतू पशुओं पर हमला कर रहा है। तेंदुआ का हमला लगातार दूसरी रात भी जारी रहा।
पीलीभीत, जेएनएन। नेपाल बार्डर क्षेत्र में तेंदुआ फिर से सक्रिय हो गया है। वह लगातार लोगों की पशुशाला में घुसकर उनके पालतू पशुओं पर हमला कर रहा है। तेंदुआ का हमला लगातार दूसरी रात भी जारी रहा। तेंदुआ पशुशाला में बंधे बछड़े को खींचकर ले गया। बाद में बछ़ड़े को खा लिया। इधर, गजरौला क्षेत्र में भी बाघ ने बेसहारा गाय का शिकार किया। शुक्रवार की सुबह दोनों घटनाओं का पता चलते ही ग्रामीणों में दहशत फैल गई।
पूरनपुर तहसील क्षेत्र के गांव मटैया लालपुर निवासी कानू मजूमदार की पशुशाला में गुरुवार की रात तेंदुआ घुस गया। उसने पशुशाला में बंधे बछड़े पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। थोड़ी दूर पर ले जाकर उसका शव खा गया। शुक्रवार की सुबह जब लोगों ने अधखाया शव पड़ा देखा तो उन्हें मामले की जानकारी हो सकी। इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। जिस पर वन दारोगा रामबहादुर मौके पर पहुंचे। बछड़े के अधखाए शव को जमीन में दबा दिया गया है। तेंदुआ के दूसरे दिन हमले करने को लेकर ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है।
टाइगर रिजर्व के जंगल से सटे गजरौला क्षेत्र के गांव बिधिपुर में गुरुवार को देरशाम बाघ ने बेसहारा गाय को शिकार बनाया। शुक्रवार की सुबह लोगों ने गाय का अधखाया शव देखा। जिसके बाद ग्रामीणों ने माला रेंज की गढ़ा बीट के प्रभारी को सूचना दी। जिसके बाद गढ़ा बीट प्रभारी सत्यवीर संधू वन विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंचे। साथ ही घटनास्थल पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई है। वन विभाग की टीम बाघ की लोकेशन ट्रेस करने का प्रयास कर रही है। साथ ही ग्रामीणों को भी खेतों पर आने जाने के समय बेहद सावधानी बरतने की हिदायत दी है।