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Development : बरेली के ये तीन गांव बनेंगे आत्‍मनि‍र्भर, अपने संसाधनों से होंंगे वि‍कस‍ित

अब शहर की तर्ज पर गांव को संवारा जाएगा। ड्रेनेज सिस्टम से लेकर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट तक तमाम सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

By Edited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 02:09 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 01:45 PM (IST)
Development : बरेली के ये तीन गांव बनेंगे आत्‍मनि‍र्भर, अपने संसाधनों से होंंगे वि‍कस‍ित
Development : बरेली के ये तीन गांव बनेंगे आत्‍मनि‍र्भर, अपने संसाधनों से होंंगे वि‍कस‍ित

जेएनएन, [शांत शुक्‍ला]। बढ़ेंगे तभी जब चलने का सलीका होगा, कदम दर कदम रखने का मुफीद तजुर्बा होगा ़ ़ ़ ये कदम जब आत्मनिर्भर होकर बढ़ने लगेंगे तो मददगार भी खूब मिलेंगे। जिले के तीन गांवों में ऐसा ही हुआ। वहां दूसरों का मुंह तकने के बजाय अपने स्तर से संसाधन जुटाए, उनसे विकास कार्य कराए। ये प्रयास सरकार तक पहुंचे तो वह सहारा भी बन गई। तय हुआ कि इन तीनों गांव को आर्थिक मदद दी जाए ताकि अपने संसाधनों से जो कमी रह जा रही, वह पूरी हो सके।

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शहर की तर्ज पर संवारे जाएंगे अपने खर्च पर बुनियादी सुविधाएं देने वाले गांव बिल्वा, खजुआ, मुड़िया हैं। यही वजह है कि जिले में 1193 ग्राम पंचायतों में सिर्फ इन्हीं तीन को परफॉर्मेंस ग्रांट के लिए चुना गया है। इन तीन ग्राम पंचायतों में विकास कार्यो के लिए 14.36 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। किस गांव को कितना पैसा गांव पैसा बिल्वा 4.74 करोड़ खजुआ जागीर 3.24 करोड़ मुड़िया हाफिज 6.38 करोड़ ऐसे बनाए अपने आय के साधन ग्राम समाज का तालाब था, जिसे मछली पालन के लिए किराये पर देकर आय अर्जित की गई।

पुरानी हाट थी जिसे सही कराकर फड़ की नीलामी की गई। पट्टों की नीलामी हुई। ग्राम समाज की भूमि पर सैकड़ों पुराने व निष्प्रयोज्य पेड़ थे जिनकी नीलामी की गई। इन सभी मदों में प्राप्त होने वाली धनराशि सड़क, नाली, खड़ंजा आदि डलवाने में लगाई गई। पारदर्शिता के लिए इन सभी आय व व्यय का ऑडिट कराया गया। कैसे हुए चयनित सीडीओ की अध्यक्षता वाली कमेटी ने 20 गांवों का चयन कर शासन को भेजा था। वहां मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने परीक्षणोपरांत इनमें से तीन का चयन किया।

ये कार्य कराए जाएंगे सीसी रोड, इंटरलॉकिंग, ढकी हुई नालियां, ड्रेनेज सिस्टम, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सोलर लाइट सिस्टम, घर-घर जलापूर्ति, बिजली की सुचारु आपूर्ति, हाट बाजार का निर्माण, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूलों में टाइल्स व बाउंड्रीवाल का निर्माण।जो भी निर्माण कार्य होंगे, पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन की देखरेख में उनका डीपीआर बनेगा। प्रधान बीडीओ और एडीओ पंचायत की भी जिम्मेदारी होगी।

तीन ग्राम पंचायतों का चयन हुआ है। जो राशि मिली है, उससे इन गांव का विकास शहर की तर्ज पर होगा और यह मॉडल गांव होंगे। चंद्रमोहन गर्ग, सीडीओ


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