निलंबित कर बहाल कर दिए तीन अधिकारी
ग्राम पंचायतों में हुए करीब पांच लाख के घोटाले के प्रकरण में फंसे तीन ग्राम विकास अधिकारियों को बचाने के लिए बड़ा खेल रचा गया। अफसरों ने आरोपियों को अंतरिम बहाली करते हुए उन्हें आरोपों से भी मुक्त कर दिया।
By Edited By: Published: Sun, 18 Feb 2018 03:16 AM (IST)Updated: Sun, 18 Feb 2018 10:26 AM (IST)
जागरण संवाददाता, बरेली : ग्राम पंचायतों में हुए करीब पांच लाख के घोटाले के प्रकरण में फंसे तीन ग्राम विकास अधिकारियों को बचाने के लिए बड़ा खेल रचा गया। अफसरों ने आरोपियों को अंतरिम बहाली करते हुए उन्हें आरोपों से भी मुक्त कर दिया। हालांकि, घोटाले में फंसे अफसरों को अभी जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। नवाबगंज विधायक केसर सिंह ने दिसंबर 2017 में पिछले दो वर्ष के विकास कार्यो के संबंध में विधान सभा में सवाल पूछा था। सवालों का जबाव देने के लिए अफसर मैदान में उतरे। डीपीआरओ विनय कुमार ने जांच की। तीन ग्राम पंचायतों में ग्राम विकास अधिकारी खर्च का हिसाब नहीं दे सके। डीपीआरओ ने जांच रिपोर्ट सीडीओ को सौंपी। रिपोर्ट के आधार पर डीडीओ ने ग्राम विकास अधिकारियों को निलंबित कर दिया। साथ ही एक ग्राम पंचायत अधिकारी पर भी गाज गिरी थी। ग्राम विकास अधिकारियों के संगठन ने हंगामा कर निलंबन कार्रवाई को गलत बताकर बहाली की मांग की थी। जिस पर सीडीओ ने विकास भवन में रिकार्ड चेक कराए थे लेकिन आरोपी फिर भी मामले में जवाब नहीं दे सके थे। -वर्जन - सवालों का जवाब देने में यदि किसी को पहले दोषी बनाया फिर उसे बचाने की कार्रवाई की गई है तो इसका संज्ञान लेकर फिर सवाल उठाया जाएगा। दोषी अफसरों को कार्रवाई की जद में शामिल किया जाएगा। केसर सिंह, नबाबगंज, विधायक। - विधायक केसर सिंह के सवालों का जवाब देने के दौरान जिन ग्राम विकास अधिकारियों को निलंबित किया था। फिलहाल उन्हें अंतरिम बहाल किया है। लेकिन उनके खिलाफ जांच जारी रहेगी। रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी। सत्येंद्र कुमार, सीडीओ।
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