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तीन तलाक के अध्यादेश को मंजूरी पर फरहत नकवी बोलीं,सरकार से उम्मीद पूरी

अध्यादेश मंजूरी पर मेरा हक फाउंडेशन अध्यक्ष फरहत नकवी ने कहा कि पीडि़त महिलाओं ने लंबा संघर्ष किया। अब बहन-बेटियां तलाक के दंश से बच जाएंगी।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 09:07 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 07:36 AM (IST)
तीन तलाक के अध्यादेश को मंजूरी पर फरहत नकवी बोलीं,सरकार से उम्मीद पूरी
तीन तलाक के अध्यादेश को मंजूरी पर फरहत नकवी बोलीं,सरकार से उम्मीद पूरी

बरेली (जेएनएन)। एक बार में तीन तलाक पर रोक लगाने के लिए तलाक पीडि़त महिलाओं ने लंबा संघर्ष किया। हमने पीडि़ता महिलाओं के संग बरेली से लेकर लखनऊ तक धरना-प्रदर्शन किए। मोदी सरकार ने तलाक की पीडि़ताओं की तकलीफ महसूस की। इस पर रोक लगाने की जो उम्मीद जताई थी, उसे आज पूरा कर दिया है। हम खुश हैं कि अब मुस्लिम समाज की बहन-बेटियां तलाक के दंश से बच जाएंगी। यह कहना है मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी का। तत्काल तीन तलाक से संबंधित अध्यादेश पर आज मोदी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है।

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खुद भी तलाक पीडि़त फरहत नकवी कहतीं हैं कि अब तक तलाक पर कोई सजा तय नहीं थी। अब पुरुषों में इसका डर भी रहेगा। हमारी मांग भी यही थी कि एक बार में तीन तलाक को अपराध की श्रेणी में लाया जाए। फरहत नकवी के मुताबिक, तलाक के संशोधित कानून में शौहर को मजिस्ट्रेट द्वारा जमानत दिए जाने का प्रावधान पुरुषों का बचाव करेगा। यह छूट नहीं दी जानी चाहिए थी। तब इसका ज्यादा असर रहता। 

तीन तलाक पर अध्यादेश से दारुल उलूम चिंतित

तीन तलाक अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी मिलने पर दारुल उलूम ने चिंता जाहिर की है। दारुल उलूम के मोहतमिम ने इसे मजहबी मामलों में हस्तक्षेप और सरकार की मनमानी करार दिया है। दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा कि देश का संविधान हमें मजहबी आजादी के साथ जीने की इजाजत देता है। तलाक व निकाह जैसे मसले पूरी तरह मजहबी हैं। धार्मिक मामलों में कोई हस्तक्षेप कबूल नहीं है, लिहाजा सरकार का यह कदम संविधान के खिलाफ है। दारुल उलूम वक्फ के शेखुल हदीस मौलाना अहमद खिजर शाह मसूदी ने कहा कि सरकार मुस्लिम पर्सनल लॉ में छेड़छाड़ कर संविधान विरोधी और अनुचित कार्य कर रही है। तंजीम उलमा-ए-हिंद के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना नदीमुल वाजदी ने कहा कि तीन तलाक को कानूनन जुर्म बनाकर मोदी सरकार मुसलमानों को परेशान करना चाहती है। 

सहारनपुर की अतिया साबरी ने आभार जताया 

तीन तलाक अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी मिलने पर सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक की लड़ाई जीतने वाली अतिया साबरी ने इसके लिए प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि औरतों को बेघर करने वालों को अब कानून की ताकत का एहसास होगा। बुधवार को अतिया साबरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि मैं तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा लड़कर जीती थी। केंद्र सरकार द्वारा तीन तलाक के खिलाफ लाए गए अध्यादेश का स्वागत करते हुए कहा है कि औरतों की इज्जत न करने वाले अब सजा भुगतेंगे। 

शरई हक पाने के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना है : निदा खान 

एक बार में तीन तलाक बोलकर किसी औरत को घर से निकाल देना शरई तौर पर भी गलत है। हमारी लड़ाई भी यही थी कि तलाक का जो गलत तरीका चलन में है उसे रोका जाए। सरकार ने अध्यादेश लाकर इसे अपराध घोषित कर दिया है। यह तमाम पीडि़त महिलाओं के लिए खुशी की बात है। मर्दों में सजा का खौफ रहेगा। इससे तलाक की घटनाओं में कमी आएगी। हालांकि, महिलाओं के सम्मान, हक की लड़ाई का यह सिर्फ पहला पायदान है। सामाजिक, संवैधानिक और शरई हक पाने के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना पड़ेगा। यह कहना है कि आला हजरत खानदान की बहू रहीं व आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी की अध्यक्ष निदा खान का। निदा खुद तो तलाक पीडि़त हैैं हीं। पिछले साल भर से तीन तलाक, बहु-विवाह, हलाला पीडि़त महिलाओं की आवाज उठा रही हैं। बुधवार को कैबिनेट की ओर से अध्यादेश को मंजूरी देने पर उन्होंने खुशी जताई। निदा खान ने पीएमओ को ट्वीट कर कहा कि इस फैसले में काफी देरी हो चुकी है, क्योंकि बेशुमार महिलाएं तलाक से पीडि़त हैं। फिर भी धन्यवाद। 


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