UP Panchayat Chunav 2021 : बरेली मंडल की एक जिला पंचायत सदस्य सीट पर भाजपा के तीन दावेदारों ने भरा नामांकन, जानिये किस जिले में पनप रही भाजपा में असंतोष
UP Panchayat Chunav 2021 जिला पंचायत सदस्य सीटों पर भाजपा ने अधिकृत प्रत्याशी घोषित किए हैं लेकिन पार्टी में उपजा असंतोष अब खुलकर बाहर आने लगा है। वार्ड नंबर दो सिसईया गुसाई पर दिव्या शाक्य को अधिकृत उम्मीदवार घोषित कर दिया गया।
बरेली, जेएनएन। UP Panchayat Chunav 2021 : जिला पंचायत सदस्य सीटों पर भाजपा ने अधिकृत प्रत्याशी घोषित किए हैं, लेकिन पार्टी में उपजा असंतोष अब खुलकर बाहर आने लगा है। वार्ड नंबर दो सिसईया गुसाई को पार्टी ने फ्री-होल्ड रखा था, लेकिन नामांकन के आखिरी दिन इस सीट पर भी दिव्या शाक्य को अधिकृत उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। टिकट के दावेदारों में शामिल रहीं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम यादव और विधायक धर्मेंद्र शाक्य की बहन अनीता शाक्य ने भी पर्चा भर दिया है। इससे पार्टी में हलचल बढ़ गई है।
पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी सबसे अहम है। जिला के प्रथम नागरिक की कुर्सी पर किसी महिला का बैठना तय है। वजह यह सीट अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित हुई है। जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित होने के बाद अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने के लिए 51 सदस्यों के बीच ही गणित बैठाना होता है। इनमें से 25 से ज्यादा सदस्य जिसके साथ हो जाते हैं, वही कुर्सी पर आसीन हाे जाता है। भाजपा ने अधिकृत प्रत्याशी घोषित करने का फैसला लिया तो दावेदारों की लंबी कतार लग गई। एक-एक सीट पर पांच से सात तक दावेदार सामने आ गए। जिला स्तरीय कमेटी ने मंथन के बाद नाम चयनित किए, फिर दो-दो नाम प्रदेश मुख्यालय भेजे गए। 50 सीटों पर तो पार्टी ने दो दिन पहले ही अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया था। वार्ड नंबर दो पर भी आज दिव्या शाक्य का नाम घोषित कर दिया गया। नामांकन के आखिरी दिन डकारा पुख्ता सीट से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम यादव और जगत सीट से विधायक धर्मेंद्र शाक्य की बहन अनीता शाक्य के नामांकन कराने से पार्टी में खलबली मची हुई है। बताते हैं कि अंदरखाने मंथन चल रहा है, लेकिन अभी कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है।भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक भारतीय ने बताया कि पार्टी ने जिला पंचायत सदस्य की सभी 51 सीटों पर अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इन्हें मजबूती के साथ चुनाव लड़ाया जाएगा। पार्टी के जिन लोगों ने सूची में नाम न होने के बाद भी नामांकन कराया है, इसकी सूचना प्रदेश मुख्यालय भेजी जाएगी। हाईकमान के निर्देश पर ही कोई निर्णय लिया जाएगा।