स्कूल फीस की मनमानी को लेकर अभिभावक संघ के इस फैसले से गर्माएगी राजनीति
फीस जमा नहीं करने पर नाम काटने की स्कूलों की चेतावनी के विरोध में अभिभावक संघ ने अभियान शुरू कर दिया है। सोमवार को उन्होंने सभी पार्टियों के महानगर अध्यक्षों से मुलाकात की।
बरेली, जेएनएन। फीस जमा नहीं करने पर नाम काटने की स्कूलों की चेतावनी के विरोध में अभिभावक संघ ने अभियान शुरू कर दिया है। सोमवार को उन्होंने सभी पार्टियों के महानगर अध्यक्षों से मुलाकात की। उन्होंने अपनी समस्या बताते हुए ज्ञापन दिया। संघ ने तय किया कि राजनैतिक पार्टी के महानगर अध्यक्षों पर चुनाव लड़ाने और परिणाम अपने पक्ष में करने का जिम्मा होता है। इसके लिए हर पार्टी घोषणा पत्र जारी करती है। उनके अगले घोषणापत्र के लिए विषय देने का मन अभिभावक संघ ने बनाया। उन्होंने कहा अगर उनका साथ नहीं दिया जाता है तो इस बार नोटा का बटन ही दबाएंगे।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष अंकुर सक्सेना ने कहा कि गाज़ियाबाद, कानपुर में अभिभावक भूख हड़ताल पर बैठे है। बोले, प्रशासन अगर स्कूलों के तुगलकी फरमान के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है तो प्रदर्शन और आंदोलन के लिए तैयार रहे। बोले, सभी पार्टियों के नेता समर्थन में है। वह 10 सितंबर 2020 को प्रदर्शन में शामिल होंगे। इस दौरान काशिफ जमाल, विशाल श्रीवास्तव, डॉ रुचि, राहुल यादव आदि उपस्थित रहे।
फीस का विषय काफी बड़ा है। स्कूल द्वारा अल्टीमेटम बेहद निंदनीय है, पार्टी आला कमान और मुख्यमंत्री से कांफ्रेंस के दौरान ये बात रखकर इस पर समाधान मांगेंगे और राहत दिलाएंगे। डॉ. केएम अरोरा, भाजपा
हमारी पार्टी ने पहले भी ऐसी आवाज उठाई है और आगे भी अभिभावक संघ का हम पूरा समर्थन करेंगे। जब भी चाहें अभिभावक हित में हम संगठन के साथ है। किसी भी हाल में अहित नहीं होने देंगे। शमीम अहमद सुल्तानी, समाजवादी पार्टी
अभिभावक संघ शानदार काम कर रहा है पर सरकार न किसी की सुनती है और न सरकार की स्कूल सुनता है। ऐसे में अभिभावक का शोषण ही होता है। कांग्रेस पार्टी पूर्ण समर्थन देती है। चौधरी असलम मियां, कांग्रेस
शिक्षा पर सबका अधिकार है। स्कूलों की मनमानी नहीं होने देंगे। इसके लिए पार्टी के बड़े पदाधिकारी से वार्ता कर पूरी तरह से सहयोग किया जाएगा। गोपाल रस्तोगी, बसपा