अफसरों से एक कदम बढकर निकले UP के ये प्रमुख सचिव, कदम-कदम पर तोड़ते रहे Alert का तिलिस्म... पढ़िए खास रिपोर्ट Bareilly News
बरेली निरीक्षण के लिए आए प्रमुख सचिव नवनीत सहगल अफसरों से एक कदम आगे निकले।
जेएनएन, बरेली : बरेली निरीक्षण के लिए आए प्रमुख सचिव नवनीत सहगल अफसरों से एक कदम आगे निकले। अफसर व्यवस्थाअों को दुरुस्त करने के लिए अपने अधीनस्थों को जहां अलर्ट पर अलर्ट देते रहे वहीं प्रमुख सचिव भी रास्ते और प्लान बदल बदल कर उनके तिलिस्म को तोड़ते रहे। जिसके चलते उन्होंने कई कमियां पकड़ी और अफसरों को जमीनी हकीकत भी दिखाई।
पुराने तेवर में दिखे प्रमुख सचिव
आंकड़ों, रिपोर्ट में शासन को जिले की खुशनुमा तस्वीर दिखाने वाले अधिकारियों और सिस्टम की कार्यशैली को नोडल अधिकारी ने पहले ही निरीक्षण में बेपर्दा कर दिया। प्रमुख सचिव नवनीत सहगल जहां गए, वहीं कमियां मिलीं। स्कूल में बच्चों के लिए दूध हजम था, पशु आश्रय स्थल में चारे में चोकर कम मिला। साधन सहकारी समिति में खाद के कट्टों का गोलमाल पकड़ा। गन्ना क्रय केंद्र और आंगनबाड़ी केंद्र भी कमियों से अछूते नहीं थे। जिले के हालात देख नोडल अधिकारी हैरान हुए। सुधार के निर्देश दिए।
Primary school में न दूध मिला, न स्वेटर
निरीक्षण के लिए नोडल अधिकारी सबसे पहले घंघोरा घंघोरी के प्राथमिक स्कूल पहुंचे। ड्रेस और किताबों के बारे में पूछा। पता चला पुरानी किताबों से ही पढ़ाई कराई जा रही है। नई ड्रेस नहीं दी गई। सर्दी शुरू हो गई, स्वेटर तक नहीं बंटे थे। बच्चों से ही सवाल शुरू किए। पांचवी की छात्र प्रभा से उसका अंग्रेजी में नाम पूछा, वह नहीं बता पाई। दूध बंटने का दिन था सो पूछा। हेडमास्टर सोमपाल गंगवार ने बताया कि दूध कम था। इसलिए चाय बनवाकर बांटी गई। भड़के प्रमुख सचिव ने कहा चाय पिलाकर बच्चों को क्या बनाना चाहते हो। दूध कहां से आता है? जानकारी मिली शिक्षामित्र ममता पाल के यहां से। दूध कम ही मंगाया जा रहा था। मिड डे मील अंधेरे में बन रहा था।
Bhojipura block में नदारद मिलें कर्मचारी
नोडल अधिकारी जब भोजीपुरा ब्लाक पहुंचे वहां सफाई हो रही थी। उपस्थिति रजिस्टर चेक करने में कई कर्मचारी नदारद मिले। ओडीएफ पर एडीओ पंचायत ने बताया कि 1300 शौचालय बनाए गए हैं, लेकिन जनसंख्या नहीं बता सके। बाद में बताया कि एक लाख 79 हजार है। प्रमुख सचिव ने कहा कि इस तरह से तो 30 हजार शौचालय बनने चाहिए। आंकड़ों में गड़बड़ी पर जांच के आदेश दिए। एडीओ को-ऑपरेटिव को बुलाया। पूछा कितने साल से हो। खाद का पूरा विवरण है कि कितना आया और कितनी सप्लाई हुई। वह जवाब नहीं दे पाए। स्थापना बाबू के बारे में पता लगा कि 20 दिन में कई दिन छुट्टी पर ही थे। ग्रांट रजिस्टर अधूरा था। जमकर फटकार लगाई। साथ ही उसका पन्ना फाड़कर अपनी जेब में रख लिया। समूह के लोगों को जरी उद्योग से जोड़ने के निर्देश दिए।
फरियादियों को लगाया फोन, खुली हकीकत
हकीकत जानने के लिए थाने से ही फरियादियों से फोन पर बात की तो हकीकत खुलकर सामने आ गई। प्रमुख सचिव को पोल खोलता देख अफसरों ने उन्हें सर्किट हाउस की ओर चलने का इशारा किया। लेकिन प्रमुख सचिव ने कहा कि वह अपने हिसाब से निरीक्षण करेंगे।
BDO को फोन किया तो CDO पर भड़के सचिव
बीडीओ को खबर करने पर सीडीओ को फटकारते हुए बोले पहले से ही बता दोगे तो हकीकत कैसे सामने आएगी। नोडल अधिकारी ने गांवों की सूची मांगी। सूची में कई ऐसे गांव थे जिनके निरीक्षण की सलाह अधिकारियों ने दी थी। सीडीओ के सुझाए गए गांवों को नकार दिया। साफ कहा कि जिनकी सलाह दे रहे हैं। वहां पर तो सब कुछ ठीकठाक ही मिलेगा। खुद बहेड़ी के जवाहरपुरा गांव को चुना। सीडीओ बीडीओ को सूचित करने लगे। यह देख भड़क गए। बोले, किसी को मत बताइए कि मैं आ रहा हूं।
Bridge का January तक पूरा कर ले काम
इसके पहले सर्किट हाउस से निकलने पर उन्होंने आइवीआरआइ पुल का निरीक्षण किया। यहां पर उन्होंने सहायक अभियंता एके सिंह से जनवरी तक पुल को पूरा करने के निर्देश दिए। इसके साथ उन्होंने उप परियोजना प्रबंधक वीके सेन से पहुंच मार्ग को पूरा कराने के भी निर्देश दिए।
आंगनबाड़ी केंद्र पर भी गड़बड़ी मिली। कार्यकत्री नीलू कुमारी से पता चला 45 बच्चे पंजीकृत हैं। मौके पर सिर्फ दो बच्चे दिखे। पूछा बाकी कहां हैं। वह सही जवाब नहीं दे पाई। पत्रवलियों में हर दिन कभी 15 तो कभी 20 बच्चों की उपस्थिति दिखाई गई थी।
कद लंबा होने पर प्रमुख सचिव ने बदली गाडी
नवनीत सहगल के लिए पहले प्रशासन ने इनोवा का इंतजाम किया था। उनका लंबा कद होने पर बाद में आनन-फानन फॉरच्युनर की व्यवस्था की गई। गाड़ी में इस बात का ध्यान रखा गया कि वह वीआइपी नंबर की हो। इसलिए यूपी-बीएक्स 9999 नंबर की गाड़ी मंगाई गई।
Register चेक कर खाद में पकडी गड़बड़ी
साधन सहकारी समिति जाते समय धूल के गुबार और गड्ढे की वजह से सीडीओ नोडल अधिकारी को वापस ले जाना चाहते थे लेकिन तेवर को देखते हुए कुछ कह न सके। समिति में रजिस्टर चेक किया तो 420 फास्फेट खाद की बोरी में से सिर्फ 360 बोरी का ही हिसाब था। 60 बोरी का हिसाब मांगा। फर्जीवाड़ा पर कार्रवाई की बात कह आगे बढ़ गए।
गन्ना केंद्र पर कराई तौल, कम निकला वजन
प्रहलादपुर के गन्ना केंद्र पर विजय पाल नाम का व्यक्ति गन्ने से भरी ट्राली लाया था। ट्रॉली अपने सामने तुलवाई। पहले की तौल से वजन पांच किलो कम निकला। केंद्र के कर्मचारी को हिदायत दी। उन्होंने विजयपाल से पर्ची काटने के कई दिन बाद ट्रॉली लाने पर जवाब तलब किया।
Store Keeper से मांगा रजिस्टर पकड़ी गड़बड़ी
बहेड़ी के जवाहरपुरा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के दवाई वितरण कक्ष में पहुंचे। यहां एसडी भट्ट से दवाई वितरण का दैनिक रजिस्टर मांगा। रजिस्टर बनाया ही नहीं गया था। निकासी, उपलब्धता और वितरण सबका काम एक ही व्यक्ति कर रहा है। दवा कब और किसे बांटी गई इसका कोई ब्योरा नहीं मिला। यहां चौपाल लगाकर लोगों की समस्याएं सुनीं। उनके निस्तारण के निर्देश भी दिए। शौचालय नहीं बनने पर सीडीओ और डीएम से भी जवाब तलब किया।
कम मिला चोकर बोले, गाय के चारे में भी बेईमानी
मझौआ गंगापुर में बने अस्थाई पशु आश्रय गृह का मुआयना किया। चारे में हाथ में लिया तो चोकर की मात्र कम मिली। पशुमित्र राकेश कुमार से जवाब तलब किया। कहा-गाय के चारे में बेईमानी करते हो।
फोन करने के बाद बोले, ऐसे तो और बढ़ेगा Crime
इसके बाद वह देवरनियां थाने पहुंचे। क्राइम रजिस्टर चेक किया। मालखाना और शिकायत पत्रों को देखा। शिकायतों में लिखे नंबर को लगवाकर पूछा तो पता चला कि पांच शिकायतों में सिर्फ एक का ही निस्तारण हुआ है। जिम्मेदारों को फटकार लगाई। कहा कि ऐसे क्राइम पर लगाओगे लगाम।
पल-पल बदला निरीक्षण स्थल परेशान रहे अफसर
जब प्रमुख सचिव स्टेशन पर उतरे तो रिठौरा का निरीक्षण करने के लिए कहा। अधिकारी वहां के अधीनस्थों को सूचित कर व्यवस्था ठीक कराने में लग गए। अधिकारी इसी में लगे थे, तभी अचानक रिठौरा को रद कर नवाबगंज जाने की बात कही। फिर इसे भी बदल दिया। अधिकारी उन्हें फरीदपुर तहसील के किसी किसी गांव को दिखाना चाहते थे, लेकिन नोडल अधिकारी ने मना कर दिया। आखिर सवा ग्यारह बजे बहेड़ी के जवाहरपुरा के लिए निकले। रास्ते में आइवीआरआइ के निर्माणाधीन पुल का भी निरीक्षण किया। देरी पर नाराजगी जताई और इसे जनवरी 2020 तक पूरा कराने के निर्देश दिए।
सरकारी योजनाएं हर पात्र तक पहुंचनी चाहिए। अगर नहीं पहुंचेंगी तो सरकार का लक्ष्य पूरा नहीं होगा, जो अधिकारी इन कार्यो में शिथिलता बरतेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव व नोडल अधिकारी
जिन लोगों ने भी लापरवाही बरती है या फिर दोषी है। उनके खिलाफ रिपोर्ट मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
नितीश कुमार, डीएम