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बरेली आ रहे प्रवासियों की बस अड्डेडे और रेलवे स्टेशन पर होगी थर्मल स्क्रीनिंग, लक्षण मिलने पर क्वारंटाइन सेंटर में किए जाएंगे आइसोलेट

दिल्ली हरियाणा महाराष्ट्र से चले प्रवासियों के बरेली आमद होते ही प्रशासन सतर्क हो गया है। निगरानी समिति के जरिए स्क्रीनिंग कराने के साथ क्वारंटाइन सेंटरों को स्थापित किया जा रहा है। तय प्रोटोकॉल के तहत एहतियाती कदम उठाते हुए प्रवासियों के आगमन पर स्क्रीनिंग कराई जाएगी।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 05:12 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 05:12 PM (IST)
बरेली आ रहे प्रवासियों की बस अड्डेडे और रेलवे स्टेशन पर होगी थर्मल स्क्रीनिंग, लक्षण मिलने पर क्वारंटाइन सेंटर में किए जाएंगे आइसोलेट
प्रशासन ने छह तहसील और हरुनगला में स्थापित किए क्वारंटाइन सेंटर।

बरेली, जेएनएन। दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र से चले प्रवासियों के बरेली आमद होते ही प्रशासन सतर्क हो गया है। निगरानी समिति के जरिए स्क्रीनिंग कराने के साथ क्वारंटाइन सेंटरों को स्थापित किया जा रहा है। तय प्रोटोकॉल के तहत एहतियाती कदम उठाते हुए प्रवासियों के आगमन पर स्क्रीनिंग कराई जाएगी। स्क्रीनिंग में किसी भी प्रकार के लक्ष्ण पाए जाने पर इन्हें क्वारंटाइन में रखा जाएगा। जांच करवाने के बाद वह संक्रमित पाए जाते हैं, तो उन्हें कोविड अस्पताल या घर पर आइसोलेट किया जा रहा है।

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जो लक्ष्ण वाले व्यक्ति संक्रमित नहीं पाए जाते हैं, उन्हें 14 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन में भेजने के निर्देश जारी हुए हैं। लक्षण विहीन होने पर सात दिनों के लिए घर में ही क्वारंटाइन किया जाएगा। सीडीओ चंद्र मोहन गर्ग के मुताबिक बरेली आने वालों के लिए स्क्रीनिंग के साथ पूरा पता, मोबाइल नंबर और जानकारी इकट्ठा की जा रही है। क्वारंटाइन सेंटर में भी रजिस्टर बनाया गया है। जिसमें प्रवासियों की संपूर्ण जानकारी रखी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उनकी स्क्रीनिंग में मदद ली जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम निगरानी समिति और शहरी क्षेत्रों में मुहल्ला निगरानी समिति सक्रिय की गई है।

आशा करेंगे संपर्क, सेहत बिगड़ने पर पहुंचाएंगी कोविड अस्पताल

स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ता क्वारंटाइन किए गए लोगों के घरों में पहुंचेगी। खांसी, बुखार, सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण की जानकारी लेंगी। लक्षण आने पर प्रभारी चिकित्साधिकारी को सूचना दी जाएगी। पैरासीटामोल और एंटीबायोटिक दवाएं देकर तीन दिनों के लिए व्यक्ति को घर पर ही क्वारंटाइन किया जाएगा। अगर सेहत में सुधार नहीं होता है तो 108 एंबुलेंस की मदद से कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।

यह व्यवस्था हुई लागू

- देश के बाहर से आने वाले व्यक्तियों को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रखा जाएगा।

- गांव में होम क्वारंटाइन की व्यवस्था नहीं होने पर इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन के लिए सरकारी स्कूल, पंचायत भवन को क्वारंटाइन सेंटर की तरह तैयार किया गया है।

- प्रवासियों की सूची को ग्राम सभावार या वार्डवार तैयार किया जा रहा है। जिसको स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज विभाग या नगर विकास विभाग के साथ साझा किया जा रहा है।


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