बदायूं के आरक्षित जोन में होगा बदलाव, नक्शा पास कराने में होगी आसानी, जानिए कैसे
शहर में महायोजना की तर्ज पर कई भूमि अलग-अलग व्यवसाय को आरक्षित की गई थीं। ऐसे में जिन स्थानों पर आने-जाने का कोई रास्ता नहीं है वह जमीन मेडिकल लाइन को आरक्षित कर दी गई। उस जमीन पर अस्पताल के अलावा किसी अन्य भवन का निर्माण नहीं हो सकता था।
बरेली, जेएनएन। शहर में महायोजना की तर्ज पर कई भूमि अलग-अलग व्यवसाय को आरक्षित की गई थीं। ऐसे में जिन स्थानों पर आने-जाने का कोई रास्ता नहीं है वह जमीन मेडिकल लाइन को आरक्षित कर दी गई। उस जमीन पर अस्पताल के अलावा किसी अन्य भवन का निर्माण नहीं हो सकता था, इस का हवाला देकर मानचित्र स्वीकृत नहीं किए जा रहे थे।
अब महायोजना का नया नक्शा तैयार किया गया तो उस पर शासन स्तर से मंथन किया जा रहा है। तीन दिन पहले लखनऊ में हुई बैठक में यहां से अधिकारी भी बुलाए गए थे। महायोजना के तहत कई ऐसे क्षेत्र जो नियम विरुद्ध दूसरी श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिए थे वह बहाल किए जाने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि नए नक्शा के तहत जल्द ही यहां मानचित्र आवेदन स्वीकृत किए जाएंगे।
शहर को सही से विकसित करने के लिए महायोजना लागू करने पर काफी समय से जोर दिया जा रहा था। ताकि आरक्षित जोन में किसी और तरह की बिल्डिंग न बन सके। आरक्षित जोन में स्पष्ट कर दिया गया कि किस तरह से वह वहां किस बिल्डिंग का नक्शा पास करा सकते हैं। मानचित्र स्वीकृति के लिए तमाम आवेदन विनियमित क्षेत्र में अभी भी लंबित हैं। ऐसे में महायोजना को लागू कराने की बात कही गई, लेकिन महायोजना का ले आउट तैयार न होने की वजह से उस दिशा में कार्य नहीं हो सका।
अब महायोजना का ले आउट तैयार कराया गया तो महायोजना के तहत शहर को किस तरह से विकसित किया जाए इसका जिम्मा जयपुर की एक कंपनी को दिया गया। जयपुर की कंपनी ने नक्शा तैयार किया और उस नक्शे को शासन के लिए भेजा गया। शासन स्तर पर 23 मार्च को बैठक बुलाई गई। बैठक में स्थानीय अधिकारी शामिल हुए। बैठक में यह बात स्पष्ट की गई कि पुराने नक्शे के आधार पर अब शहर को विकसित नहीं किया जाएगा। शहर को महायोजना के आधार पर विकसित किया जाएगा।
शहर में महायोजना लागू होने वाली है। विनियमित क्षेत्र में उसी नक्शे के आधार पर मानचित्र की स्वीकृति दी जाएगी। - अमित कुमार, नियत प्राधिकारी विनियमित क्षेत्र