बरेली के इस जनपद में खूनी संघर्ष हाेने की आशंका, सक्रिय हुआ खुफिया तंत्र, जानिए क्या है वजह
Bareilly Division Crime News त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद ग्रामीण क्षेत्र में सियासी भूचाल आ गया है। मारपीट पथराव और गोलियों की तड़तड़ाहट से इलाके थर्रा रहे है। चुनाव में मिली शिकस्त के बाद हारे हुए प्रत्याशियों के समर्थकों में खासा उबाल है।
बरेली, जेएनएन। Bareilly Division Crime News : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद ग्रामीण क्षेत्र में सियासी भूचाल आ गया है। मारपीट, पथराव और गोलियों की तड़तड़ाहट से इलाके थर्रा रहे है। चुनाव में मिली शिकस्त के बाद हारे हुए प्रत्याशियों के समर्थकों में खासा उबाल है। जिसको लेकर एक-दूसरे की जानें लेने को तुले हुए है। मतगणना के बाद जिले में आधा दर्जन से अधिक खूनी संघर्ष की घटनाएं हो चुकी है। लगातार बढ़ रही घटनाओं को देखते हुए पुलिस अलर्ट हो गई है। एसएसपी संकल्प शर्मा ने सभी थाना प्रभारियों को प्रत्येक गांव में निगरानी बतरने के दिशा-निर्देश दिए है।
त्रिस्तरीय पंचायत के परिणाम आने के बाद पुलिस फोर्स कोरोना कर्फ्यू का पालन करने में जुट गई है लेकिन सियासी दलों के उम्मीदवारों के चुनाव जीतने के कारण कई तरह की आशंकाएं उठ खड़ी हुई हैं। पक्ष-विपक्ष के जीते-हारे प्रत्याशियों की लामबंदी से भारी अदावत की नींव पड़ रही है। ऐसे में खून बहने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में पुलिस पहले ही चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराके थकी हुई महसूस कर रही थी। जिसके बाद पुलिस कर्फ्यू के पालन कराने की तैयारियों में जुट रही है। इस बीच गांव-गांव चुनावी रंजिशें शुरू हो गई है।
इस वारदातों पर अंकुश के लिए अब पुलिस को अलर्ट रहने की जरूरत पड़ रही है। अधिकारियों ने भी मानीटरिग करना शुरू कर दिया है। एसएसपी ने जिले के सभी थाना पुलिस को अलर्ट कर दिया है कि ग्राम प्रधान, पूर्व प्रधान या चुनावी लाभ के लिए किसी भी खेमे की ओर से आने वाली शिकायतों को गंभीरता से लिया जाए। चुनाव की रंजिश को लेकर होने वाली गुटबंदी पर विशेष ख्याल रखा जाए। गांवों में पथराव और आपसी संघर्ष की घटनाएं सामने अा चुकी है। इस वजह से एतिहात बरती जाए। वहीं, सियासी दलों से जुड़े लोग इसी मौके पर भुनाने में लगे हुए है।
कुछ सियासी दलों ने निर्दलीय जीते प्रत्याशियों की हौंसला अफजाई करके उन्हें जंग के मैदान में खरा उतरने के उदाहरण दे डाले। इस वजह मतगणना के बाद रोजाना घटनाएं हो रही है। मतगणना के बाद ग्राम पंचायतों में बढ़ती सियासी दखल को देखते हुए पुलिस और खुफिया टीमों को ग्रामीण क्षेत्रों में अतिरिक्त निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। दारोगा, सिपाही को अपने-अपने क्षेत्र में शराराती तत्वों पर निगरानी रखने रखने के लिए कहा गया है।
ये हो चुकी घटनाएं
जरीफनगर क्षेत्र के गांव जरैठा में जीते और हारे हुए प्रत्याशियों के समर्थकों में जमकर पत्थरबाजी हुई। जिसमें बच्चों से लेकर कई लोग घायल हो गए। म्याऊं ब्लाक क्षेत्र के गांव रिजौला में दो पक्षों में पथराव और फायरिंग हुई। इसमें कई घायल हुए। उझानी के मानकपुर में हारे हुए पक्ष ने जीते हुए पक्ष पर पथराव कर दिया। नवादा बुजुर्ग में हारे हुए पक्ष ने जीते हुए पक्ष के स्वजन के ऊपर पत्थरबाजी कर दी। जिसमें कई लोग चोटिल हुए। इन घटनाओं से सबक लेते हुए पुलिस अलर्ट हो गई है।