बरेली जिला अस्पताल के दो डॉक्टरों के साथ मिलकर ठगों ने कराया था मेडिकल
पड़ताल के दौरान आरोपित विकास और ताहिर द्वारा जिला अस्पताल से मेडिकल बनवाए जाने के संबंध में पुलिस तफ्तीश तेज करते हुए शनिवार को सीएमओ को लेटर लिखकर जवाब मांगा था कि किस आधार पर पीड़ितों का मेडिकल कराया गया।
बरेली, जेएनएन। तीन सौ बेड अस्पताल में नौकरी के नाम पर 50 लोगों से डेढ़ करोड़ की ठगी के मामले में पुलिस ने पड़ताल तेज करते हुए शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पड़ताल के दौरान आरोपित विकास और ताहिर द्वारा जिला अस्पताल से मेडिकल बनवाए जाने के संबंध में पुलिस तफ्तीश तेज करते हुए शनिवार को सीएमओ को लेटर लिखकर जवाब मांगा था कि किस आधार पर पीड़ितों का मेडिकल कराया गया। हालांकि सीएमओ ने पत्र के जवाब के लिए एडीएसआइसी को भेजा था। सोमवार को एडीएसआइसी की तरफ से जवाब दिया गया कि जिला अस्पताल के दो डॉक्टरों द्वारा सामान्य प्रकिया के तहत मेडिकल कराया गया था। जिसके बाद अब पुलिस की निगाह मेडिकल करने वाले डॉक्टरों पर गड़ गई है। पुलिस दोबारा लेटर लिखकर स्पष्टीकरण मांगा है कि मेडिकल की सामान्य प्रक्रिया क्या है। मेडिकल में तो साफ लिखा है कि मेडिकल स्वास्थ्य विभाग में भर्ती के लिए किया गया है। जबकि विभाग पहले ये मेडिकल ही फर्जी मान रहा था। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद हड़कंप मच गया है। अब पुलिस को सामन्य प्रकिया के तहत मेडिकल कराने के जवाब का इंतजार है। लेकिन पुलिस को भी अब आशंका है कि इस भर्ती घोटाले में कहीं न कहीं बड़ा खेल किया गया है।
फरार विकास ने पश्चिम बंगाल स्थित ससुराल में डाला डेरा
तीन सौ अस्पताल में भर्ती के मुख्य आरोपित विकास यादव की तलाश पुलिस ने तेज कर दी है। पुलिस के हाथ विकास यादव का नया नंबर लगा है। जिसमें उसकी लोकेशन पश्चिम बंगाल मिली है। पुलिस ने पड़ताल की तो पता चला कि वहां उसकी ससुराल है। आशंका जताई जा रही है कि परिवार के साथ उसने वहीं डेरा जमाया है। पुलिस की एक टीम उसकी गिरफ्तारी के लिए रवाना हो गई है।
एनबीडब्ल्यू के लिए कार्रवाई तेज
पुलिस को लगता है कि विकास ठगी के इस मुकदमे में कोर्ट में सरेंडर कर सकता है। इसके लिए पुलिस ने उसकी गैर जमानती वारंट की कार्रवाई तेज कर दी है। इसी के साथ पुलिस ने विकास के पुराना शहर स्थित घर और कैंट के चनेहटी स्थित गांव की निगरानी भी तेज कर दी है। बता दें कि तीन सौ बेड अस्पताल में भर्ती के नाम पर 50 लोागें से डेढ़ करोड़ की ठगी की गई थी। पीड़ितों ने एसएसपी से शिकायत की तो उनके आदेश पर एक फरवरी को कोतवाली पुलिस ने आरोपित बड़े बाबू कुलदीप शर्मा, वार्ड ब्वाय ताहिर, विकास और बॉबी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
क्या कहना है पुलिस का
जिला अस्पताल के दो डॉक्टरों ने पीड़ितों का मेडिकल किया था। उनका जवाब था कि सामन्य प्रक्रिया के तहत मेडिकल किया गया था। उनसे फिर से सामन्य प्रक्रिया के तहत स्पष्टीकरण मांगा गया है।
गीतेश कपिल, इंस्पेक्टर, कोतवाली